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इस रेस्टोरेंट में सैनिक-पूर्व सैनिकों को मिलती है छूट, लगाया गया है आर्मी हेल्‍प बॉक्‍स

कश्मीर के पुलवामा में आतंकी हमले में 40 से अधिक सीआरपीएफ जवानों की शहादत के बाद देश में सैनिक परिवारों की मदद के लिए तमाम हस्तियां आगे आई हैं।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Fri, 22 Feb 2019 11:43 AM (IST)Updated: Fri, 22 Feb 2019 11:43 AM (IST)
इस रेस्टोरेंट में सैनिक-पूर्व सैनिकों को मिलती है छूट, लगाया गया है आर्मी हेल्‍प बॉक्‍स
इस रेस्टोरेंट में सैनिक-पूर्व सैनिकों को मिलती है छूट, लगाया गया है आर्मी हेल्‍प बॉक्‍स

नैनीताल, जेएनएन : कश्मीर के पुलवामा में आतंकी हमले में 40 से अधिक सीआरपीएफ जवानों की शहादत के बाद देश में सैनिक परिवारों की मदद के लिए तमाम हस्तियां आगे आई हैं। नैनीताल से नौ किमी दूर खुर्पाताल में स्टेट हाईवे के किनारे पूर्व सैनिक की वीरांगना ने सैनिक परिवारों के लिए अनूठी पहल की है। इस रेस्टोरेंट में सैनिक-पूर्व सैनिक परिवारों की मदद से आर्मी हेल्प बॉक्स लगाया गया है। पिछले तीन साल से शुरू मुहिम में अब तक छह हजार की धनराशि शहीदों के लिए भेज दी गई है, जबकि 12 हजार और जमा हो चुकी है। रेस्टोरेंट में आने वाले हर पर्यटक से आर्थिक सहयोग लिया जाता है। इस रेस्टोरेंट में पूर्व सैनिक और सैनिकों को 25 फीसद तक छूट भी प्रदान की जाती है।

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मूलरूप से बेतालघाट निवासी सरिता नेगी के पति पूरन सिंह सेना में रहे हैं। उन्होंने सियाचीन में भी ड्यूटी की और कारगिल जंग में भी अग्रिम पंक्ति में रहे। 2013 में रिटायर हो गए, जबकि दो मार्च 2015 को उनका निधन हो गया। तब से सारी जिम्मेदारी सरिता के कंधे पर आ गई।

चाय-कॉफी मिलती है फ्री

सरिता बताती हैं कि सैनिक परिवारों को यहां पर चाय, कॉफी फ्री दी जाती है। राष्ट्रीय पर्व पर सैनिक परिवारों को मुफ्त में भोजन कराया जाता है। सरिता के परिवार में पति के अलावा ससुर, जेठ, जेठानी समेत डेढ़ दर्जन सदस्य फौज में हैं। हवलदार, सूबेदार, मेजर, कैप्टन समेत अन्य पदों पर सेवारत हैं। देवरानी कर्नल मीना गोहाटी मेें जबकि देवर मणिपुर में। सरिता के अनुसार तीन साल पहले सैनिक परिवारों की मदद के आर्मी फंड बॉक्स लगाया है। बॉक्स में एकत्रित राशि जितनी होती है, सरिता उतना ही खुद योगदान करती हैं। इस मुहिम में पूरा परिवार अब शामिल हो गया है।

बेटी-बेटे को फौज में भेजूंगी

सरिता की बेटी अरुणिका सातवीं जबकि बेटा अरुणाय नौवीं में पढ़ता है। बोलीं, उसकी इच्छा है कि बेटा-बेटी दोनों फौज में भर्ती होकर देश सेवा करें। सरिता की मदद से रेस्टोरेंट कर्मचारियों ने हाईस्कूल के बाद डिग्री तक हासिल कर ली तो उनके बच्चों की पढ़ाई का खर्च-खुद वहन कर रही हैं। जेठ इंद्र सिंह नेगी कहते हैं कि फौज ने परिवार को बहुत कुछ दिया है, अब देश को लौटाने का समय है।

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