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Solar eclipse 2021 : चंद्रमा का कोणीय आकार व पाथ दूर होने के कारण देश के ज्यादातर हिस्सों में नहीं दिखेगा सूर्यग्रहण

Solar eclipse 2021 दिन के समय सूर्यगहण हाने के बावजूद उसका नहीं दिखाई देना मन में सवाल पैदा करता है। इसके न दिखने को लेकर विज्ञानी कहते हैं कि चंद्रमा अपने न्यूनतम कोणीय आकार में होने के कारण देशवासी 10 जून को होने जाने सूर्यग्रहण से वंचित रह जाएंगे।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Mon, 07 Jun 2021 06:30 AM (IST)Updated: Mon, 07 Jun 2021 01:38 PM (IST)
Solar eclipse 2021 : चंद्रमा का कोणीय आकार व पाथ दूर होने के कारण देश के ज्यादातर हिस्सों में नहीं दिखेगा सूर्यग्रहण
Solar eclipse 2021 : चंद्रमा का कोणीय आकार व पाथ दूर होने के कारण नहीं दिखेगा सूर्यग्रहण

जागरण संवाददाता, नैनीताल : Solar eclipse 2021 : दिन के समय सूर्यगहण हाने के बावजूद उसका नहीं दिखाई देना मन में सवाल पैदा करता है। इसके न दिखने को लेकर विज्ञानी कहते हैं कि चंद्रमा अपने न्यूनतम कोणीय आकार में होने के कारण देशवासी 10 जून को होने जाने सूर्यग्रहण से वंचित रह जाएंगे। ग्रहण के दिन चंद्रमा पृथ्वी से दूरस्थम स्थिति में होने के अलावा उसका पाथ भी हमसे दूर होने के कारण ग्रहण देखा जाना संभव नहीं है ।

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आर्यभटट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान एरीज के वरिष्ठ सौर विज्ञानी डाॅ वहाबउददीन का कहना है कि दोपहर में ग्रहण लगने के बावजूद इसका न दिखाई देने को लेकर मन में सवाल उठने लाजिमी हैं। मगर इसके पीछे कई कारण हैं। सबसे बड़ा कारण ग्रहण के छाया का पाथ है, जिसके दायरे में देश का लगभग अधिकांश हिस्सा नहीं आएगा। जिसमें उत्तर पूर्व में स्थित यींग्क्योंग व इंगोलीन के सीमावर्ती क्षेत्र ग्रहण के दायरे में आएगा, लेकिन ग्रहण के समय सूर्य अस्त हो रहा होगा और ग्रहण मामूली स्पर्श कर कर पाएगा। इस क्षेत्र में क्षणिक उपछाया वाला ग्रहण रहेगा। जिसे देखा मुस्किल होगा।

ग्रहण नहीं दिखाई देने के विज्ञानी कारण की जानकारी देते हुए भारतीय तारा भौतिकी संस्थान बंग्लूरू के सेवानिर्वत विज्ञानी प्रो आरसी कपूर का कहना है कि इसमें दोराय नहीं कि वलयाकार सूर्यग्रहण सुंदरता के लिहाज से अधिक आकर्षक होता है। मगर दस जून को चंद्रमा पृथ्वी से लगभग 4.5 लाख किमी की दूरी पर होगा। चंद्रमा व पृथ्वी के बीच यह सबसे अधिक दूरी है। जिस कारण चंद्रमा का कोणीय आकार सूर्य के कोणीय आकार से कम होगा। जिस कारण ग्रहण की छाया का आकार भी कम होगा। वलयाकार ग्रहण होने का कारण भी यही है। इसके अलावा इसका पाथ भी हमसे दूर होकर जा रहा है। जिसके चलते भारत समेत दुनियाके कई हिस्सों में दिन के समय ग्रहण होने के बावजूद नही दिखाई देगा।

सूर्यग्रहण की तस्वीरें आनलाइन टेलीस्कोप से होंगी कैमरे में कैद

वलयाकार ग्रहण का एस्टोफोटोग्राफर आनलाईन टेलीस्कोप के जरिए दीदार करेंगे । एस्टोफोटोग्राफर राजीव दूबे के अनुसार यह अदभुत खगोलीय घटना है। इसका न दिखाई देना निराश तो करता है, लेकिन आनलाइन दूरबीन इसकी पूर्ति कर सकता है। जिसके लिए वह दूरबीन हायर कर ग्रहण के दीदार करेंगे, साथ ही उसके पल पल की तस्वीर व विडियोग्राफी कर इन लम्हों को यादगार बनाएंगे।

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