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Uttrakhand : उत्तराखंड में एक माह बाद भी नहीं तय हो सकी सतर्कता डोज को लेकर स्थिति

booster dose अप्रैल से 18 वर्ष से 59 वर्ष के लोगों को सतर्कता डोज लगाने की अनुमति दे दी थी। यह व्यवस्था निजी अस्पतालों में होनी थी। इसके लिए भुगतान भी किया जाना था। राज्य में निजी अस्पतालों ने वैक्सीन नहीं खरीदी। इसके चलते वैक्सीनेशन नहीं हो सका।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Tue, 17 May 2022 01:16 PM (IST)Updated: Tue, 17 May 2022 01:16 PM (IST)
Uttrakhand : उत्तराखंड में एक माह बाद भी नहीं तय हो सकी सतर्कता डोज को लेकर स्थिति
booster dose : 10 अप्रैल को ही मिल गई थी 18 वर्ष से ऊपर के लोगों को टीके की अनुमति

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : स्वास्थ्य विभाग एक महीने तक यह तय नहीं कर सका है कि सतर्कता डोज कब से लगेगी? इसको लेकर लोग असमंजस में है। टीका लगवाने के लिए वैक्सीनेशन केंद्रो पर पहुंचते हैं, लेकिन बिना वैक्सीनेट हुए उन्हें वापस लौटना पड़ रहा है।

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भारत सरकार ने 10 अप्रैल से 18 वर्ष से 59 वर्ष के लोगों को सतर्कता डोज लगाने की अनुमति दे दी थी। यह व्यवस्था निजी अस्पतालों में होनी थी। इसके लिए भुगतान भी किया जाना था। राज्य में निजी अस्पतालों ने वैक्सीन नहीं खरीदी। इसके चलते वैक्सीनेशन नहीं हो सका। स्वास्थ्य अधिकारी दावा करते रहे कि जल्द वैक्सीनेशन शुरू हो जाएगा।

नैनीताल जिले में निजी अस्पताल संचालकों की बैठक भी बुलाई गई थी। इसके बावजूद कोई लाभ नहीं हुआ। एक भी निजी अस्पताल ने टीकाकरण शुरू नहीं करवाया। राज्य प्रतिरक्षण अधिकारी डा. कुलदीप मर्तोलिया ने कहा था कि केंद्र सरकार को वैक्सीन मुफ्त करने को लेकर भारत सरकार को प्रस्ताव भेजा है।

इस प्रक्रिया को भी समय हो चुका है। अभी तक कोई निर्णय नहीं हो सका है। वहीं तमाम लोग सतर्कता डोज लगवाने को लेकर परेशान हैं। वैक्सीनेशन केंद्र जाते हैं। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी को भी फोन करते हैं, लेकिन कहीं से स्पष्ट जवाब नहीं मिल पाता है।


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