गौला बैराज के दो गेट दिनभर खोले, सल्ट अधकि आने से फिल्टर प्लांट की क्षमता लड़खड़ायी
दो दिन से हो रही बरसात से गौला नदी के पानी के साथ भारी मात्रा में सिल्ट आ रही है। इससे जलसंस्थान के फिल्टर प्लांटों की फिल्टरेशन क्षमता लड़खड़ायी हुई है।
हल्द्वानी, जेएनएन : दो दिन से हो रही बरसात से गौला नदी के पानी के साथ भारी मात्रा में सिल्ट आ रही है। इससे जलसंस्थान के फिल्टर प्लांटों की फिल्टरेशन क्षमता लड़खड़ायी हुई है। प्लांटों में सिल्ट जमा होने से एक के बजाय दो बार प्रतिदिन सफाई करनी पड़ रही है। इसका असर पेयजल आपूर्ति में भी पड़ रहा है।
गुरुवार के बाद शुक्रवार को भी मैदान से लेकर पहाड़ तक बरसात हुई। इससे गौला में पानी के साथ काफी मलबा व सिल्ट बहकर आया। जलसंस्थान के सहायक अभियंता नीरज तिवाड़ी ने बताया कि पानी के साथ सिल्ट आने का असर फिल्टरेशन क्षमता पर पड़ रहा है। सभी प्लांटाें की फिल्टरेशन क्षमता 25 फीसद तक कम हो गयी है। सामान्य दिनों में हर 24 घंटे में एक बार फिल्टर प्लांटाें की सफाई की जाती है। जबकि सिल्ट जमा होने से इन दिनों दो बार बैक वॉश कर प्लांटों की सफाई करनी पड़ रही है। प्लांटों की फिल्टरेशन क्षमता घटने का असर टेल के इलाकों में पड़ रहा है। कुसुमखेड़ा क्षेत्र में पेयजल किल्लत घटने के पीछे प्लांट की फिल्टरेशन क्षमता कारण बना हुआ है।
दिनभर खोले रखे बैराज के दो गेट
हल्द्वानी : शुक्रवार को सुबह के समय करीब छह बजे गौला नदी का जलस्तर 4200 क्यूसेक पहुंचा। दोपहर में जलस्तर घटकर 3600 क्यूसेक तक गिरा था। वहीं पहाड़ों में बरसात से शाम के समय जलस्तर फिर बढ़ना शुरू हो गया। चार बजे गौला का जलस्तर 4600 क्यूसेक दर्ज किया गया। सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता मनोज तिवाड़ी ने बताया कि नदी में पानी के साथ भारी मात्रा में सिल्ट आ रही है। जिस कारण बैराज का गेट नंबर एक व छह खोलकर पानी छोड़ा जा रहा है। इन गेटों के खुले होने से सिल्ट बैराज में जमा होने के बजाय बह रही है।