चंद लम्हों के लिए परछाई भी साथ छोड़ जाएगी
रमेश चंद्रा, नैनीताल 21 जून अर्थात आज दिन में चंद लम्हे ऐसे भी आएंगे, जब आपकी परछाई भी आपका साथ
रमेश चंद्रा, नैनीताल
21 जून अर्थात आज दिन में चंद लम्हे ऐसे भी आएंगे, जब आपकी परछाई भी आपका साथ छोड़ जाएगी। ऐसा सूर्य के कर्क रेखा के ठीक ऊपर होने के कारण होता है। यह साल का सबसे बड़ा दिन है। आज के बाद दिन छोटे होने शुरू हो जाएंगे और सूर्य दक्षिणायन हो जाएगा।
यह सामान्य खगोलीय घटना है। पृथ्वी के सूर्य की परिक्रमा करने व अपने अक्ष पर झुके होने के साथ ही अपने अक्ष में घूमने के कारण दिन रात होते हैं और मौसम भी इसी कारण बदलता रहता है। उत्तरी गोलार्द्ध में 21 जून को साल का सबसे बड़ा दिन होता है। आज के दिन सूर्य ठीक सिर के ऊपर आ जाता है। जिसके चलते किसी भी खड़ी वस्तु की परछाई दोपहर के समय चंद क्षणों के लिए नजर नही आती है। एरीज के वैज्ञानिक प्रो. शशिभूषण पांडे का कहना है कि परछाई न दिखाई देने वाली घटना कर्क रेखा के समीपवर्ती क्षेत्रों में होगी। इसके बाद दिन की अवधि कम होनी शुरू हो जाएगी और दिनों के घटने का क्रम अगले छह माह तक जारी रहेगी। इस बीच एक दिन ऐसा भी आता है जब रात-दिन का समय बराबर हो जाता है। 20 से 22 सितंबर के बीच यह दिन आता है। दिनों के घटने का क्रम 21 दिसंबर तक जारी रहता है और इसके बाद दिन की अवधि पुन: लंबी शुरू हो जाती है। साथ ही सूर्य उत्तरायण हो जाता है। अगले वर्ष का सबसे बड़ा दिन भी 21 जून होगा। इसके बाद 2020 में वर्ष का सबसे बड़ा होगा।
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कहीं रात ही नही, कहीं दिन निकलता नहीं
दिन रात के क्रम में दुनिया में ऐसे भी अजूबे शहर हैं जहां कई महीनों तक सूर्यदेव अस्त ही नहीं होते और कहीं-कहीं रात खत्म ही नहीं होती। इन देशों में स्वीडन में ऐसा भी समय आता है जब दिन सिमट कर छह घंटे का रह जाता है और एक अंतराल बाद 20.24 घंटे तक लंबा हो जाता है। फिनलैंड के समुद्री तट से 80 किमी दूर स्टोनिया की राजधानी तालिम 21 दिसंबर को दिन छह घंटे का रह जाता है। खूबसूरत देश आइसलैंड में जून जुलाई में आधी रात को सूर्यास्ता होता है और तड़के तीन बजे उदय हो जाता है। यूरोपीय देश नार्वे में एक जगह ऐसी भी है जहां आधी रात को सूर्योदय उग जाता है। जिसे देखने के लिए दुनियाभर से सैलानी उमड़ते हैं। इस शहर का नाम हेमरपेस है। इसे मध्य रात्रि का शहर भी कहा जाता हैं। हैरानी की बात यह है कि इसी देश में एक जगह ऐसी भी जहां सौ सालों से सूर्य नजर ही नहीं आया है। झीलों का देश फिनलैंड में वर्ष में सवा दो महीनों दिन तक सूर्य अस्त ही नहीं होता है। यह अवधि 21 जून से 23 सितंबर के बीच होती है। अलास्का में जून के महीने में दिन 24 घंटे लंबा पहुंच जाता है। वहीं दिसंबर माह में दिन सिकुड़कर 3.40 घंटे का रह जाता है।