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भीमताल में पार्किंग के जिला विकास प्राधिकरण ने जमीन तलाशने की कवायद की तेज

भीमताल में मुख्यमंत्री की घोषणा में शामिल बहुद्देशीय पार्किंग के निर्माण के लिए जिला विकास प्राधिकरण ने जमीन तलाशने की कवायद शुरू कर दी है।

By Edited By: Published: Thu, 25 Jun 2020 06:20 AM (IST)Updated: Thu, 25 Jun 2020 01:49 PM (IST)
भीमताल में पार्किंग के जिला विकास प्राधिकरण ने जमीन तलाशने की कवायद की तेज
भीमताल में पार्किंग के जिला विकास प्राधिकरण ने जमीन तलाशने की कवायद की तेज

भीमताल, जेएनएन : मुख्यमंत्री की घोषणा में शामिल बहुद्देशीय पार्किंग के निर्माण के लिए जिला विकास प्राधिकरण ने भीमताल में जमीन तलाशने की कवायद शुरू कर दी है। एमडी कुमाऊं मंडल विकास निगम रोहित मीणा, सचिव जिला विकास प्राधिकरण पंकज उपाध्याय, सीएम के मीडिया सलाहाकार रमेश भट्ट व पर्यटन विकास परिषद सदस्य नितिन राणा ने बुधवार को संयुक्त निरीक्षण कर पार्किंग स्थल की संभावनाएं तलाशीं।

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स्थलीय निरीक्षण के बाद सचिव जिला विकास प्राधिकरण पंकज उपाध्याय ने बताया कि निरीक्षण के दौरान मल्लीताल में मत्स्य विभाग कार्यालय के लगभग 1200 वर्ग मीटर भूमि पर पिलर देकर लगभग सौ वाहनों की पार्किंग बनाई जा सकती है। बताया कि वर्ष 2018 में मत्स्य विभाग को हस्तांतरित भूमि जिसका क्षेत्रफल लगभग सवा तीन हजार वर्ग मीटर का है, उसमें नीचे पार्किग और ऊपर भीमताल क्लब की स्थापना की जा सकती है।

कहा कि भीमताल क्लब के लिए विभाग लंबे समय से प्रयासरत है। निरीक्षण के बाद मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार रमेश भट्ट ने अधिकारियों के साथ बैठक कर कार्ययोजना पर चर्चा की। निरीक्षण के दौरान प्रांतीय उद्योग व्यापार मंडल अध्यक्ष सौरभ रौतेला, देवभूमि व्यापार मंडल अध्यक्ष संदीप पांडे, भाजपा मंडल अध्यक्ष मनोज भट्ट, पंकज जोशी, प्रदीप पाठक, शरद पांडे आदि मौजूद थे।

नल-दमयंती ताल का भी अधिकारियों ने किया निरीक्षण अधिकारियों ने नल-दमयंती ताल का भी निरीक्षण किया। पालिका के ईओ विजय बिष्ट ने बताया कि नल-दमयंती ताल में पानी के रिसाव को रोकने के लिए नगर पंचायत ने लगभग छह लाख की कार्ययोजना बनाई है। वहीं प्राधिकरण सचिव पंकज उपाध्याय ने बताया कि आसपास के क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियों से संबंधित संभावनाएं भी तलाशी गई।

पंकज उपाध्याय, सचिव जिला विकास प्राधिकरण ने बताया कि पार्किंग तथा क्लब निर्माण की योजनाओं में सरकार से धन की मांग नहीं होनी है। इन योजनाओं से ही उसकी लागत और वार्षिक अनुरक्षण आदि की व्यवस्था पर भी विचार करना है। प्राधिकरण बैठक में प्रस्ताव रखा जाएगा।


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