अपनों के दूरी बनाने पर एसडीआरएफ ने रोज तीन शवों को दिया कंधा, कुमाऊं में अब तक 83 संक्रमितों का कर चुके संस्कार
पुलिस की तरह मोर्चे पर जुटी एसडीआरएफ की टीम कुमाऊं में पिछले 27 दिनों में 83 शवों का अंतिम संस्कार कर चुकी है। इन सभी की मौत कोरोना संक्रमण की वजह से हुई थी। ऐसे में अपनों ने भी दूरी बना ली।
गोविंद बिष्ट, हल्द्वानी: कोरोना काल में संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाने का सिलसिला उसके मरने के बाद भी खत्म नहीं हो रहा। पुलिस की तरह मोर्चे पर जुटी एसडीआरएफ की टीम कुमाऊं में पिछले 27 दिनों में 83 शवों का अंतिम संस्कार कर चुकी है। इन सभी की मौत कोरोना संक्रमण की वजह से हुई थी। ऐसे में अपनों ने भी दूरी बना ली। हालांकि, कुछ मामले ऐसे भी थे, जिसमें घर के अन्य लोग भी पॉजिटिव होने के कारण उपचार करा रहे थे। ऐसे में एसडीआरएफ के जवानों ने सूचना मिलने पर खुद की जान जोखिम में डाल इन लाशों को कंधा देने के साथ अंतिम संस्कार भी किया। 30 अप्रैल से 27 मई तक नैनीताल में 21, चम्पावत में 31, पिथौरागढ़ में 16, बागेश्वर में तीन, अल्मोड़ा में 11 और ऊधमसिंह नगर में एक लावारिश शव की एसडीआरएफ जवानों द्वारा अंत्येष्टि की गई।
डेढ़ किमी तक शव को ढोया
हाल में चम्पावत जिले के एक दुर्गम गांव में एक महिला की कोरोना से मौत हो गई थी। डर के मारे गांव के लोग नहीं आए। जिसके बाद एसडीआरएफ के चार जवान डेढ़ किमी तक पैदल ही महिला के शव को लेकर सड़क पर आए। उसके बाद गाड़ी से श्मशान घाट तक पहुंचे।
घर-घर किट बांट रहे
एसडीआरएफ के जवानों को घर-घर कोरोना किट बांटने का जिम्मा भी सौंपा गया है। फोन से संपर्क करने पर जवान मेडिकल किट लेकर पहुंच जाते हैं। इसके अलावा एसटीएच के रेड जोन यानी संक्रमित वार्ड के बाहर सुरक्षा में भी लगाया गया है।
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