एसडीएम ने श्यामलाताल में हुए भूस्खलन का लिया जायजा, पीड़ित परिवारों को दिया मुआवजे का अश्वासन
शनिवार को टनकपुर से तीस किलोमीटर दूर श्यामलाताल क्षेत्र में विगत दिनों हुए भूस्खलन का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने भूस्खलन से नुकसान झेल चुके लोगों की समस्याएं सुनी। कहा कि भूस्खलन से हुए नुकसान की पूरी रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेजकर पीडि़त परिवारों की हर संभव मदद की जाएगी।
जागरण संवाददाता, टनकपुर (चम्पावत) : एसडीएम हिमांशु कफल्टिया ने शनिवार को टनकपुर से तीस किलोमीटर दूर श्यामलाताल क्षेत्र में विगत दिनों हुए भूस्खलन का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने भूस्खलन से नुकसान झेल चुके लोगों की समस्याएं सुनी। कहा कि भूस्खलन से हुए नुकसान की पूरी रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेजकर पीडि़त परिवारों की हर संभव मदद की जाएगी।
ग्राम प्रधान जगदीश प्रसाद पोरी ने एसडीएम को क्षेत्र में हुए नुकसान की जानकारी दी। बताया कि ग्रामीण नवीन सिंह, बिशन सिंह, देव सिंह के आवासी भवनों को भूस्खलन से खतरा पैदा हो गया है। इस स्थान पर बरसाती नाला होने के कारण लगातार भू-कटाव हो रहा है। ग्राम प्रधान ने बताया कि वर्ष 2009 में इस क्षेत्र में भू-वैज्ञानिकों ने निरीक्षण करने के बाद जमीन को काफी संवेदनशील पाया था। लेकिन प्रशासन ने यहां बस रहे लोगों का विस्थापन नहीं किया। ग्रामीणों ने बताया कि भू-कटाव की चपेट में आने पर क्षेत्र के प्राकृतिक जल स्रोत भी समाप्त हो गए हैं। एसडीएम में पीडि़त परिवारों से बातचीत करते हुए नुकसान की रिपोर्ट जिलाधिकारी को भेजने की बात कही। बताया कि भू कटाव से बचाव के लिए उचित कार्यवाही भी की जाएगी। इस अवसर पर राजस्व निरीक्षक गोविंद गिरी, उप निरीक्षक अमर सिंह मंगला, पवन जुकरिया, सुरेश कुमार, करनैल सिंह, वीरेंद्र सिंह नेगी आदि मौजूद रहे।
बड़ोली गांव में अदरक और गडेरी की खेती चौपट
चम्पावत : पिछले दिनों हुई बारिश से जिले के दूरस्थ बड़ोली गांव में अदरक और गडेरी की खेती को व्यापक नुकसान हुआ है। क्षेत्र पंचायत सदस्य हेम चंद्र ने बताया कि ऑलवेदर रोड निर्माण के दौरान संबंधित कंपनी द्वारा गांव के उपर मलबा डाल दिए जाने से काश्तकारों को नुकसान हुआ है। बताया कि सड़क किनारे डाला गया मलबा बहकर खेतों में घुस गया। इससे खेत मलबे से दब गए हैं। मलबे के कारण कई जगह भू-कटाव भी हुआ है। बताया कि कई लोगों के आवासीय मकानों को भी खतरा पैदा हो गया है। उन्होंने प्रशासन से गांव में हुए नुकसान का जायजा लेकर पीडि़तों को आर्थिक मदद देने की मांग की है।