दीक्षा समारोह में हुए घोटाले ने गिराई कुमाऊं विवि की साख, अगले माह हाईकोर्ट में सुनवाई
कुमाऊं विवि के पिछले साल हुए दीक्षा समारोह की व्यवस्थाओं में वित्तीय अनियमितता से विश्वविद्यालय की साख पर बट्टा लगा है। शासन की ओर से ऑडिट में प्रथम दृष्टया घपले की पुष्टि हो चुकी है। अब रिपोर्ट में किसको जिम्मेदार ठहराया गया है इसकी जानकारी सार्वजनिक होनी है।
नैनीताल, जागरण संवाददाता : कुमाऊं विवि के पिछले साल हुए दीक्षा समारोह की व्यवस्थाओं में वित्तीय अनियमितता से विश्वविद्यालय की साख पर बट्टा लगा है। शासन की ओर से ऑडिट में प्रथम दृष्टया घपले की पुष्टि हो चुकी है। अब रिपोर्ट में किसको जिम्मेदार ठहराया गया है, इसकी जानकारी सार्वजनिक होनी है। हाईकोर्ट ने ऑडिट रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए हैं। जिसके बाद विवि में खलबली मची है। इस मामले में सुनवाई सात अप्रैल को होनी है। जिसको लेकर विवि समेत छात्र नेताओं की निगाहें लगी हैं।
प्रथम दृष्टया दीक्षांत समारोह के दौरान किये गए घपले के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए विस्वविद्यालय से दस दिन के भीतर ऑडिट रिपोर्ट पेश करने को कहा है । मामले की अगली सुनवाई 7 अप्रैल की तिथि नियत की है । दरअसल दीक्षा समारोह की व्यवस्थाओं का ठेका छात्र नेताओं के गुटों में विवाद का विषय बना था। ठेका नहीं मिलने से नाराज छात्र नेताओं ने पहले आरटीआई के माध्यम से दस्तावेज जुटाए। शिकायती पत्र दिए।
बाद में विवि स्तर से कार्रवाई नहीं हुई तो पूर्व जिला पंचायत सदस्य नैनीताल निवासी गोपाल बिष्ट ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर दी। जिसमें बताया कि समारोह के दौरान सरकारी धन खुला दुरुपयोग किया गया। निविदा 12 सौ लोगो के भोजन के लिए निकाली थी लेकिन बिल 1676 का दिया गया। कॉफी मशीन का 84 हजार और पूरी व रुमाली रोटी का 90 हजार का बिल दिया गया। जहां सात लाख 57 हजार का बिल देना था, उसे 15 लाख 34 हजार रुपया दिखाया गया। अब इस मामले की ऑडिट रिपोर्ट हाईकोर्ट में पेश होनी हैं। जिससे इस पूरे प्रकरण पर और खुलासे होने की उम्मीद है।
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