कर्मकार बोर्ड से हटाए गए सत्याल ने याचिका में संशोधन को मांगा समय, अब तीन सप्ताह बाद होगी अगली सुनवाई
सत्याल ने याचिका दायर कर कहा था कि कर्मकार बोर्ड की सचिव मधु नेगी चौहान द्वारा वित्तीय फैसले स्वयं लिए जा रहे थे। उन्होंने बोर्ड के जरूरी कागजात व वाहन अपने पास रख लिए थे। ऐसे में बोर्ड के श्रमिकों से जुड़े महत्वपूर्ण काम लटक गए हैं।
जागरण संवाददाता, नैनीताल: हाई कोर्ट ने उत्तराखंड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के निवर्तमान अध्यक्ष शमशेर सिंह सत्याल की याचिका पर सुनवाई की। कोर्ट ने सत्याल द्वारा समय मांगने पर अगली सुनवाई तीन सप्ताह बाद नियत कर दी। शुक्रवार को न्यायाधीश न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की एकलपीठ में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया कि सरकार ने उन्हें बोर्ड अध्यक्ष पद से हटा दिया है। ऐसे में उनको याचिका में संशोधन के लिए तीन सप्ताह का समय दिया जाय।
सत्याल ने याचिका दायर कर कहा था कि कर्मकार बोर्ड की सचिव मधु नेगी चौहान द्वारा वित्तीय फैसले स्वयं लिए जा रहे थे। उन्होंने बोर्ड के जरूरी कागजात व वाहन अपने पास रख लिए थे। ऐसे में बोर्ड के श्रमिकों से जुड़े महत्वपूर्ण काम लटक गए हैं। याचिकाकर्ता का कहना था कि बोर्ड ने सरकार को भी पत्र लिखकर कहा था कि सचिव पद पर आइएएस या वरिष्ठ पीसीएस अधिकारी नियुक्त किया जाय।
इधर, सरकार ने बोर्ड अध्यक्ष सत्याल के साथ ही सचिव मधु नेगी चौहान को भी पद से हटा दिया है। साथ ही आइएएस हरवंश चुघ को कार्यकारी चेयरमैन व अभिषेक त्रिपाठी को सचिव नियुक्त किया है।