रानीबाग से नैनीताल तक 11 किलोमीटर लंबे रोपवे निर्माण की उम्मीद बढ़ी, महराज ने केन्द्र से बजट जारी करने का किया अनुरोध
नैनीताल से रानीबाग तक करीब 11 किलोमीटर लंबाई के रोपवे के निर्माण को लेकर उम्मीद बढ़ गई है। यह रोपवे भारत सरकार की वित्तीय मदद से बनाया जाएगा।
नैनीताल, जेएनएन : नैनीताल से रानीबाग तक करीब 11 किलोमीटर लंबाई के रोपवे के निर्माण को लेकर उम्मीद बढ़ गई है। यह रोपवे भारत सरकार की वित्तीय मदद से बनाया जाएगा। बकायदा इसके लिए राज्य के उत्तराखंड के पर्यटन, धर्मस्व और संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने पहल की है। महाराज ने केंद्रीय पर्यटन व संस्कृति मंत्री प्रह्लाद पटेल से मुलाकात कर नैनीताल के प्रस्तावित रोप वे समेत उत्तराखंड की पर्यटन परियोजनाओं के लिए धनराशि जारी करने का अनुरोध किया। महाराज ने केंद्रीय मंत्री को चारधाम की यात्रा को शुरू करने में केंद्र के सहयोग के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।
महाराज ने केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय की ‘स्वदेश दर्शन’ और ‘प्रसाद’ योजनाओं के अंतर्गत राज्य में बन रही पर्यटन योजनाओं के लिए धनराशि स्वीकृत करने का भी अनुरोध किया। बताया कि स्वदेश दर्शन योजना के अंतर्गत टिहरी में इको एंड एडवेंचर डेस्टिनेशन का 98 प्रतिशत निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है। अब केवल टिहरी पार्किंग निर्माण का कार्य शेष बचा है, जिसे सितंबर 2020 तक पूरा कर लिया जाएगा। इसी प्रकार कुमाऊं हेरिटेज सर्किट का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। केंद्रीय पर्यटन व संस्कृति मंत्रालय से ‘महाभारत सर्किट’ कान्सेप्ट नोट सैद्धांतिक सहमति प्रदान करने की अपेक्षा भी की। उन्होने बताया कि प्रसाद योजना के अंतर्गत केदारनाथ मार्ग पर अवस्थापना सुविधाओं के विकास के अंतर्गत 89 प्रतिशत कार्य पूर्ण कर लिये गये हैं। शेष कार्य अक्टूबर 2020 तक पूरा कर लिया जाएगा।
प्रसाद योजना के अंतर्गत गंगोत्री एवं यमुनोत्री में पर्यटन सुविधाओं के विकास हेतु सैद्धांतिक सहमति प्रदान की गई है। अल्मोड़ा स्थित फूड क्राफ्ट इंस्टीट्यूट (एफसीआइ) के लिए स्वीकृत 4.75 करोड़ रुपये की राशि में से शेष बची एक करोड़ रुपये की राशि को जारी करने का अनुरोध किया। हल्द्वानी से नैनीताल रोपवे परियोजना हेतु वायबेलिट गैप फंडिंग के प्रस्ताव के अनुमोदन की भी अपेक्षा की है। उल्लेखनीय है कि यह रोपवे करीब आठ सौ करोड़ से अधिक लागत से बनना है। इस रोपवे को पर्यावरण की दृष्टि से खतरनाक करार देते हुए पर्यावरणविद प्रो अजय रावत ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है।
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