Uttarakhand Chunav 2022 : सरिता की बगावत से संजीव की राह आसान नहीं, अब भगवा दल करेगा घेराबंदी
Uttarakhand Election 2022 सरिता 2012 में विधायक रहने से पहले पूर्व में नगर पालिका नैनीताल की अध्यक्ष भी रह चुकी हैं। संगठन और जमीनी कार्यकर्ताओं के दम पर अब भगवा खेमा इस सीट पर कांग्रेस और संजीव आर्य की राह अटकाने में लगा है।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी: नैनीताल विधानसभा सीट पर पूर्व विधायक संजीव आर्य की राह अब आसान नहीं है। संजीव की घेराबंदी के लिए हेम आर्य के बाद महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व विधायक सरिता आर्य ने भी भाजपा का दामन थाम लिया है। हेम आर्य का प्रभाव नैनीताल विधानसभा सीट के ग्रामीण क्षेत्रों में है। वहीं, सरिता 2012 में विधायक रहने से पहले पूर्व में नगर पालिका नैनीताल की अध्यक्ष भी रह चुकी हैं। संगठन और जमीनी कार्यकर्ताओं के दम पर अब भगवा खेमा इस सीट पर कांग्रेस और संजीव आर्य की राह अटकाने में लगा है। फिलहाल भाजपा से टिकट को लेकर अभी तस्वीर साफ नहीं हुई है।
2017 में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता यशपाल आर्य ने बेटे संजीव संग पार्टी का साथ छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया था। जिसके बाद बीजेपी के टिकट पर यशपाल बाजपुर और संजीव नैनीताल सीट से विजयी हुए। ये दोनों सुरक्षित सीटें हैं। वहीं, 2017 में भाजपा से टिकट नहीं मिलने पर हेम आर्य निर्दलीय चुनाव में उतरे थे, मगर तीसरे नंबर पर रहे। इसके बाद हेम ने कांग्रेस का दामन थाम लिया था।
खास बात यह है कि 2022 में नैनीताल सीट पर कांग्रेस से टिकट को लेकर हेम और सरिता दोनों ने आवेदन किया था, लेकिन संजीव की वापसी ने इनके लिए संकट खड़ा कर दिया। जिसके बाद हेम आर्य ने भाजपा में वापसी कर ली। वहीं, हाल में सरिता आर्य ने भी चौंकाने वाला निर्णय लेकर भाजपा का दामन थाम लिया। टिकट वितरण के बाद इस सीट पर भाजपाइयों में क्या स्थिति होगी, यह तो बाद में पता चलेगा। फिलहाल भाजपा ने सरिता को पाले में कर कांग्रेस को बड़ा झटका दिया है।
पिछले चुनाव में संजीव, सरिता और हेम की स्थिति
2017 के चुनाव में सरिता कांग्रेस, संजीव भाजपा के टिकट पर और हेम आर्य निर्दलीय मैदान में उतरे थे। तब संजीव को 30036, सरिता आर्य को 22789 और हेम आर्य को 5505 वोट मिले थे। अब सरिता और हेम भाजपा के संग हैं। ठीक चुनाव से पहले महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष को पाले में लाकर भाजपा ने बड़ा संदेश दिया है।
सरिता को महसूस होगी गलती: यशपाल आर्य
सरिता आर्य के कांग्रेस छोडऩे के सवाल पर जवाब देते हुए कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष यशपाल आर्य ने उन्हें अपनी छोटी बहन बताते हुए कहा कि पार्टी ने नगरपालिका अध्यक्ष, विधायक और महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष बनाकर बड़ा सम्मान दिया था। भाजपा में आंतरिक लोकतंत्र नाम की कोई चीज नहीं है। जल्द सरिता को अपनी गलती महसूस हो जाएगी।