मानसून सीजन में सफाई कर्मचारी संघ का आंदोलन शहरवासियों के लिए बन सकता है मुसीबत
ठेका प्रथा के विरोध नियमितीकरण समेत 11 सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलित देवभूमि उत्तराखंड सफाई कर्मचारी संघ ने सोमवार से प्रदेशव्यापी आंदोलन का एलान किया है। हालांकि दूसरे संगठन ने कोविडकाल व बकरीद को देखते हुए काम करने की बात कही है।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : ठेका प्रथा के विरोध, नियमितीकरण समेत 11 सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलित देवभूमि उत्तराखंड सफाई कर्मचारी संघ ने सोमवार से प्रदेशव्यापी आंदोलन का एलान किया है। हालांकि, दूसरे संगठन ने कोविडकाल व बकरीद को देखते हुए काम करने की बात कही है। फिर भी बरसात में होने वाली हड़ताल शहरवासियों के लिए मुश्किल खड़ी कर सकती है।
देवभूमि सफाई कर्मचारी संघ का कहना है कि कर्मचारियों से जुड़े विषयों को लेकर शहरी विकास निदेशक, सचिव से लेकर मंत्री तक से वार्ता कर चुके हैं। जिसने जो समय मांगा, दिया गया, लेकिन किसी भी स्तर से सार्थक पहल नहीं हुई। ऐसे में संघ को मजबूरन आंदोलन की राह पकडऩी पड़ रही है। वहीं, उत्तरांचल स्वच्छकार कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष राम अवतार राजौर ने रविवार को नगर निगम स्थित कार्यालय में पत्रकार वार्ता के दौरान कहा कि आंदोलन समस्या का हल नहीं है।
शहरी विकास मंत्री बंशीधर भगत ने 14 सूत्रीय मांगों को लेकर 20 जुलाई को अधिकारियों, संघ व संयुक्त मोर्चा के प्रतिनिधि मंडल के साथ वार्ता का आश्वासन दिया है। 21 जुलाई को सीएम के सामने मांगें रखने की बात कही है। वार्ता के परिणाम के बाद आंदोलन की रणनीति पर मंथन होगा।
घर से लेकर मोहल्ले की सफाई का जिम्मा
पर्यावरण मित्रों पर घर-घर से कूड़ा उठान करने के साथ मोहल्ले में नाली, सड़क, गलियों की सफाई तक का जिम्मा है। इसके लिए हल्द्वानी नगर निगम के पास 637 कर्मचारी हैं। इनमें 234 नियमित व 403 संविदा कर्मचारी हैं। शहर के 33 पुराने वार्डों से एटूजेड कंपनी रोजाना घरों से कूड़ा उठान करती हैं। कर्मचारी अलग-अलग संगठनों से जुड़े हैं। ऐसे में सफाई कार्य प्रभावित होना तय माना जा रहा है।
जानिए क्या कहते हैं जिम्मेदार
प्रदेश संगठन मंत्री देवभूमि उत्तराखंड सफाई कर्मचारी संघ अमित कुमार ने बताया कि हमारी मांगों की लगातार उपेक्षा हुई है। ऐसे में आंदोलन के सिवा कोई रास्ता नहीं है। सरकार वार्ता के लिए बुलाती है तो हम हर समय तैयार हैं। वरिष्ठ नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. मनोज कांडपाल का कहना है कि हड़ताल पर रहने वाले नायकों के बदले दूसरे नायक निगरानी करेंगे। व्यवस्था बनाने के लिए 52 कर्मचारी अलग से लगाए हैं। बकरीद के दिन मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों के लिए आठ वाहन तैनात किए हैं।