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Uttarakhand New CM : संघ से प्रशिक्षित धामी का युवा मोर्चा में दिखा नेतृत्व, हमेशा जड़ों से जुड़े रहने की है पहचान

Uttarakhand New CM युवा विधायक पुष्कर सिंह धामी की नेतृत्व क्षमता पहले से ही दिखती रही है। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से प्रशिक्षित होने के साथ ही उन्होंने कानून की पढ़ाई की है। आज राज्य की राजनीति के शिखर पर पहुंच गए हैं।

By Prashant MishraEdited By: Published: Sat, 03 Jul 2021 04:55 PM (IST)Updated: Sat, 03 Jul 2021 11:40 PM (IST)
Uttarakhand New CM : संघ से प्रशिक्षित धामी का युवा मोर्चा में दिखा नेतृत्व, हमेशा जड़ों से जुड़े रहने की है पहचान
33 वर्ष तक संघ के साथ रहते हुए राष्ट्र सेवा के कार्यों से जुड़े रहे।

गणेश जोशी, हल्द्वानी। खटीमा से राजनीति करने वाले युवा विधायक पुष्कर सिंह धामी की नेतृत्व क्षमता पहले से ही दिखती रही है। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से प्रशिक्षित होने के साथ ही उन्होंने कानून की पढ़ाई की है। हर पद को सहजता और प्रभावी तरीके से निभाने वाले धामी आज राज्य की राजनीति के शिखर पर पहुंच गए हैं। पिथौरागढ़ के कनालीछीना में 16 सितंबर, 1975 में जन्मे पुष्कर सिंह धामी का कर्म स्थान तराई क्षेत्र खटीमा है। उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय से मानव संसाधन व औद्योगिक विषय में स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की। 

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33 साल आरएसएस व 10 वर्ष एबीवीपी में बिताए

पुष्कर धामी बचपन से ही आरएसएस से जुड़ गए थे। 33 वर्ष तक संघ के साथ रहते हुए राष्ट्र सेवा के कार्यों से जुड़े रहे। 10 वर्ष वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में रहे। भाजपा के इस आनुषांगिक संगठन के साथ जुड़कर लखनऊ विश्वविद्यालय से लेकर अवध प्रांत में उन्होंने महत्वपूर्ण काम किए।

युवा मोर्चा में भी दो बार रहे प्रदेश अध्यक्ष

युवा व जुझारू नेता के रूप में छवि बना चुके पुष्कर सिंह धामी उत्तराखंड में दो बार भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रहे। उन्होंने प्रदेश के कोने-कोने में घूमकर युवाओं को न केवल एकजुट किया, बल्कि उन्हें समाज सेवा के लिए भी प्रेरित किया। इसके साथ ही वह मुख्यमंत्री के ओएसडी भी रहे। पिछली भाजपा सरकार में उन्होंने दर्जा राज्य मंत्री के तौर पर भी कार्य किया।

लगातार दो बार विधायक बने

खटीमा क्षेत्र से धामी लगातार दो बार विधायक बने। पहली बार वह 2012 में विधायक बने। दूसरी बार वह 2017 में विधायक बनाए गए। इसके साथ ही वह संगठन के दायित्वों को भी बखूबी निभाते रहे। इस दौरान पार्टी ने उन्हें प्रदेश उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी थी।

संपर्क में बने रहना उनकी आदत

धामी की एक खास आदत रही है। जब भी वह किसी से मिलते थे, वह हमेशा उससे कनेक्ट रहने की कोशिश करते थे। यही कारण था कि उनका विशाल नेटवर्क न केवल उत्तराखंड में बल्कि देश-दुनिया में थी है।


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