एनडीए की रैंकिंग में सैनिक स्कूल घोड़ाखाल फिर देश में पहले स्थान पर
सैनिक स्कूल सोसाइटी की रैंकिंग में घोड़ाखाल सैनिक स्कूल ने अन्य को पछाड़ते हुए नौवीं बार देश में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। इस बार एनडीए में विद्यालय के 13 छात्र चयनित हुए हैं। जिससे विद्यालय के हाथ एक और उपलब्धि हाथ लगी है।
भवाली, संवाद सहयोगी : सैनिक स्कूल सोसाइटी की रैंकिंग में घोड़ाखाल सैनिक स्कूल ने अन्य को पछाड़ते हुए नौवीं बार देश में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। इस बार एनडीए में विद्यालय के 13 छात्र चयनित हुए हैं। जिससे विद्यालय के हाथ एक और उपलब्धि हाथ लगी है। इससे पूर्व भी विद्यालय 2018 में पहले स्थान पर रह चुका है।
रक्षा मंत्रालय द्वारा हाल ही में आल इंडिया सैनिक स्कूल सोसायटी की रैंकिंग जारी की है। जिसमें सैनिक स्कूल घोड़ाखाल पहले स्थान पर कायम है। इस वर्ष विद्यालय के 13 छात्रों तन्मय तिवारी, आदित्य भट्ट, आयुष नेगी, अनुराग द्विवेदी, आयुष्मान तत्त्रारी, ओमित्य जोशी, मुकुल चौहान, सूरज सिंह, पीयूष उपाध्याय, गरिमय चंद्रा, दिव्य दीप नैनवाल, गोविंदजी, रोहित बिष्ट का एनडीए में चयन हुआ है। जो सभी सैनिक स्कूल में सबसे अधिक हैं। वहीं अपनी स्थापना से अब तक सैनिक स्कूल 600 से अधिक सैन्य अफसर देश को दे चुका है।
सैनिक स्कूल घोड़ाखाल को सीबीएसई के क्षेत्रीय कार्यालय देहरादून द्वारा एक प्रशंसा पत्र भी प्राप्त हुआ है। यह प्रशंसा पत्र विद्यालय को वर्ष 2018, 2019 व 2020 में लगातार शैक्षिक परिणाम ए श्रेणी बनाए रखने व विद्यालय प्रबंधन, प्राचार्या एवं शिक्षकों को विद्यालय के छात्रों को गुणवत्ता परक शिक्षा प्राप्त करने के लिए दिया गया है। इन वर्षों में विद्यालय का परीक्षा परिणाम 80 से 89% रहा है। जिस पर विद्यालय की प्रधानाचार्या कर्नल डॉ. स्मिता मिश्रा, प्रशासनिक अधिकारी विंग कमांडर एम प्रेमकुमार, उपप्रधानाचार्य टी रमेश ने सभी छात्रों व शिक्षकों को शुभकामनाएं दी हैं।
सैनिक स्कूल घोड़ाखाल की प्रधानाचार्या कर्नल डॉ. स्मिता मिश्रा ने बताया कि इस वर्ष सैनिक स्कूल घोड़ाखाल के 13 कैडेटों का चयन एनडीए के लिए हुआ है। जिस कारण विद्यालय एनडीए रैंकिंग में सभी सैनिक स्कूलों में पहले स्थान पर है। इससे पूर्व भी विद्यालय आठ बार पहले स्थान पर रह चुका है। साथ ही विद्यालय सीबीएसई द्वारा ए श्रेणी का परीक्षा परिणाम बनाए रखने के लिए प्रशंसा पत्र भी प्राप्त हुआ है। यह उपलब्धि विद्यालय के शिक्षक, स्टॉफ की मेहनत का परिणाम है। जिसके लिए सभी बधाई के पात्र हैं।