बेड़ियों से मुक्ति का मार्ग हैं सद्गुरु : साध्वी ऋतंभरा
हल्द्वानी में मंगलवार को श्रीमद्भागवत कथा का शुभारंभ हुआ। इसमें साध्वी ऋतंभरा ने कहा कि सदगुरु का सान्निध्य बंधनों से मुक्ति दिला देता है।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी: सदगुरु जीवन की आवश्यकता है। हम धन एकत्रित करते हैं कुछ हो जाने के लिए। हम परमपद पर बैठ प्रतिष्ठा चाहते हैं, लेकिन यह प्रयत्न बस आनंद के लिए होता है जो हमें तृप्ति नहीं दे पाता। तृप्ति तो बस गुरुचरणों में मिलती है। इसलिए गुरुदेव जहां बैठते हैं वहीं परमानंद है, गहरी शांति है। ऐसे सद्गुरु की शरण जब हम आते हैं तो हमारी कामनाएं, आकांक्षाएं स्वत: ही समाप्त हो जाती हैं।
मंगलवार को हरि शरण जन संस्था की ओर से आयोजित श्री हरिहर महोत्सव के पहले दिन श्रीमद् भागवत कथा का शुभारंभ करते हुए साध्वी ऋतंभरा ने श्रद्धालुओं को सद्गुरु का महत्व बताया। उन्होंने कहा कि हम परमात्मा की कृपा के पात्र बने हैं। यदि हमें सद्गुरु की कृपा प्राप्त हुई है तो सुख-दुख से परे, मान-अपमान से परे सद्गुरु हमारा शाश्वत जीवन से परिचय कराते हैं। उनसे ही हम परमानंद में गोते लगाने की कला सीखते हैं। वह ही हमें बताते हैं कि कैसे हम पदों की, संसार की रंगीनियों की गुलामी से मुक्त होकर नीले आकाश में उड़ान भरें।
साध्वी ने कहा कि जो मिटना नहीं जानता, वह बन नहीं सकता। भागवत हमें परमात्मा प्राप्ति का मार्ग बताते हैं। इसमें ज्ञान योग, भक्ति योग व कर्म योग को भक्ति का मार्ग बताया गया है, मनुष्य के लिए भक्ति मार्ग ही सबसे श्रेष्ठ है। भगवान कृष्ण का बंगला सजाया
हरिहर महोत्सव में बांके बिहारी भगवान का बंगला सजाया गया। सुबह साढ़े पांच बजे हरि शरणम जन संस्था प्रमुख रामगोविंद दास भाईजी ने श्रद्धालुओं के साथ भगवान की मंगला आरती उतारी। इसके बाद श्रृंगार आरती हुई और दोपहर में भगवान को राजभोग अर्पित किया गया। 108 ब्राह्मणों ने किया संकल्प पूजन
श्रीमद् भागवत कथा से पूर्व शहर के विभिन्न स्थानों से आए 108 ब्राहमणों ने संकल्प पूजन किया। ज्योतिषाचार्य डॉ. नवीन चंद्र जोशी सहित अन्य ब्राह्मणों ने यजमानों को संकल्प कराया। कथा के दौरान 1331 अतिरुद्र सहस्त्रचंडी पाठ किए जाएंगे। भर दे रे श्याम झोली भर दे.
हरिहर महोत्सव में सायंकालीन भजन संध्या में मंगलवार को भजन गायक नंदू महाराज ने खाटू श्याम भगवान के भजन प्रस्तुत किए। डंको तो बाजो श्याम को कलियुग में.भर दे रे श्याम झोली भर दे.कीर्तन की है रात बाबा आज तूने आना है.सहित एक से बढ़कर एक भजन प्रस्तुत किए गए। भगवान के दरबार में हाजिरी लगाने के लिए आयोजन स्थल पर भक्तों की भीड़ उमड़ी।