पिथौरागढ़ के चंडाक मार्ग पर खिसकी चट्टान, आवागमन ठप
मंगलवार की रात्रि से लेकर बुधवार पूर्वाह्न तक बादल जमकर बरसे। जिला मुख्यालय पिथौरागढ से चंडाक जाने वाली रोड पर वरदानी मंदिर से आगे चट्टान खिसकने के आवाजाही बंद है। टनकपुर-तवाघाट हाईवे पर जौलजीबी के निकट बगड़ीहाट के पास मलबा आने से मार्ग सात घंटे बंद रहा।
जागरण संवाददाता, पिथौरागढ़ : जिले में बारिश का दौर जारी है। मंगलवार की रात्रि से लेकर बुधवार पूर्वाह्न तक बादल जमकर बरसे। जिला मुख्यालय पिथौरागढ से चंडाक जाने वाली रोड पर वरदानी मंदिर से आगे चट्टान खिसकने के आवाजाही बंद है। टनकपुर-तवाघाट हाईवे पर जौलजीबी के निकट बगड़ीहाट के पास मलबा आने से मार्ग सात घंटे बंद रहा। चीन सीमा का संपर्क अभी भी भंग है।
भारी बारिश से मुनस्यारी के तल्ला जोहार और धारचूला के अधिकांश संपर्क मार्ग बंद हैं। नाचनी-सुंदरीनाग मार्ग पर कॉजवे तक के बहने से सड़क पर पैदल चलना तक मुश्किल हो चुका है। धारचूला का खुम्ती गांव को जोडऩे वाली सड़क कई स्थानों पर ध्वस्त हो चुकी है। पिथौरागढ़-थल मार्ग पर बुंगाछीना के पास मलबा आने से घंटों मार्ग बंद रहा। इस दौरान बेरीनाग, पांखू, थल, मुनस्यारी, मुवानी से पिथौरागढ़ आने जाने वाले वाहन फंसे रहे। टनकपुर-तवाघाट हाईवे पर पिथौरागढ़ से धारचूला के मध्य बगड़ीहाट के पास मलबा आने से मदकोट, मुनस्यारी, धारचूला, बलुवाकोट, जौलजीबी से पिथौरागढ़ आने जाने वाले वाहन सात घंटे फंसे रहे। जौलजीबी-मुनस्यारी मार्ग पर भी बरम से आगे मलबा आने से कई घंटे मार्ग बंद रहा और वाहन फंसे रहे।
दोपहर के आसपास पिथौरागढ़ -चंडाक रोड पर वरदान मंदिर के निकट भारी मलबा आ गया। जिसके चलते यातायात बंद हो गया। चंडाक नगर का वार्ड है। इस मार्ग पर सबसे अधिक वाहन चलते हैं। मलबा वाले स्थान पर ट्रांसमेनशिप के जरिये आवाजाही हुई। मार्ग में मलबा आने से पैदल चलने वालों के लिए भी परेशानी बनी रही। लोनिवि मलबा हटाने में जुटी है। उधर तल्ला जोहार के नाचनी - सुंदरीनाग मार्ग पर कॉजवे के बहने से पैदल चलना तक मुश्किल बना हुआ है। स्थानीय जनता ने कॉजवे बहने पर ठेकेदार और विभाग के खिलाफ रोष जताते हुए प्रशासन से इसकी जांच की मांग की है। हाल ही में बना कॉजवे बह गया है। जिले भर में 27 सड़कों के बंद होने से लगभग डेढ़ लाख की आबादी प्रभावित है। चीन सीमा को जोडऩे वाला दारमा मार्ग 42वें दिन भी यातायात तो दूर पैदल चलने भर नहीं खुल सका है।
जिले में बंद मार्ग
तेजम-सामा-कपकोट, तवाघाट-नारायण आश्रम, बांस- आंवलाघाट, बंगापानी-जाराजिबली, मदकोट-दारमा, नाचनी-बासंबगड़, नाचनी-भैंंस्कोट, नाचनी-कोट्यूड़ा -सुंदरीनाग, बांसबगड़-कोटा पंद्रहपाला, आदिचौरा-सीणी, डीडीहाट-पमस्यारी, छिरकिला-जम्कू, कालिका-खुम्ती, सोसा-सिर्खा, पय्यापौड़ी-गटकूना, चंडाक-चमाली, सेराघाट-बुसैल, राममंदिर-ग्वाल, बुंगाछीना-कुसैल, सल्ला-रौतगड़ा, चमू बैंड-धुरोली-कांडा, अस्कोट-चमलेख, तवाघाट-सोबला, तवाघाट-घटियाबगड़ गर्बाधार, सोबला-दर-तिदांग, पंपाबे-उर्थिग।
काली नदी का बढऩे लगा जलस्तर
बीते दिनों से हो रही बारिश से काली नदी के जलस्तर में फिर से वृद्धि होने लगी है। काली नदी धारचूला में 888.70 मीटर पर बह रही है। यहां पर चेतावनी लेबल 889 मीटर है। जलस्तर लगातार वृद्धि कर रहा है। गोरी नदी जौलजीबी में 604.70 मीटर पर बह रही है। यहां पर चेतावनी लेवल 606.80 मीटर है।
कहां कितनी बारिश हुई
तहसील वर्षा एमएम
पिथौरागढ़ 20
गंगोलीहाट 22
बेंरीनाग 38
डीडीहाट 46.5
मुनस्यारी 31.2
धारचूला 47