महाराष्ट्र के राज्यपाल कोश्यारी के गांव की आधी सड़क नदी में समाई, ग्रामीण झेल रहे मुसीबत
पूर्व मुख्यमंत्री और महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी का गांव बागेश्वर जिले में स्थित है। नाम हैं गांव नामती चेटाबगड़। लेकिन हालत ये है कि गांव तक पहुंचने का रास्ता नहीं है। आपदा के दौरान क्षतिग्रस्त सड़क का आधा हिस्सा नदी में समा गया है !
बागेश्वर, जेएनएन : पूर्व मुख्यमंत्री और महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी का गांव बागेश्वर जिले में स्थित है। नाम हैं गांव नामती चेटाबगड़। लेकिन हालत ये है कि गांव तक पहुंचने का रास्ता नहीं है। आपदा के दौरान क्षतिग्रस्त सड़क का आधा हिस्सा नदी में समा गया है लेकिन शासन-प्रशासन की ओर से सड़क की सुध नहीं ली गई है। सड़क बंद होने से लोगों का बाजार, मंडी, बैंक, डाकघर और राशन के गोदाम से संपर्क कटा है।
महरगाड़घाटी में कपकोट से नामतीचेटाबगड़ की ओर जाने वाली सड़क रामगंगा नदी के कटाव से बरसात में दरकने लगी थी। इसके बाद धीरे-धीरे सड़क का हिस्सा नदी में समा गया। अब वहां आधी ही बची है। इस सड़क पर केवल दोपहिया वाहन ले जाने की जगह ही बची है। अगर जल्द मरम्मत नहीं हुई तो कभी भी पूरी सड़क नदी में समा सकती है। सड़क पर यातायात बंद होने से लोगों को परेशानी हो रही है। इसकी मरम्मत न होने से स्थानीय लोगों में खासी नाराजगी है। लोगों का कहना है कि जब शासन-प्रशासन पूर्व मुख्यमंत्री और महाराष्ट्र के राज्यपाल कोश्यारी के गांव की सड़क नहीं सुधार रहा है तो अन्य क्षेत्रों की सड़कों का क्या हाल होगा?
नामती चेटाबगड़ के ग्राम प्रधान नरेंद्र कोरंगा ने बताया कि यह सड़क बागेश्वर जिले के बिचलादानपुर और पिथौरागढ़ जिले के तल्ला जोहार को जोड़ती है। सड़क के क्षतिग्रस्त होने से ग्राम पंचायत नामती-चेटाबगड़, कालापैर कापड़ी, सकसूना कनोली, किसमिला और लाथी के राजस्व ग्राम धन्याड़ समेत करीब तीन हजार की आबादी प्रभावित हो रही है। बताया कि सड़क की सुरक्षा के लिए दीवार बनाई जा रही है। कुछ दिन पूर्व विधायक ललित फर्स्वाण और पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश ऐठानी ने सड़क जायजा लिया था। उन्होंने सड़क की मरम्मत न होने पर विभाग और शासन के खिलाफ नाराजगी जताई है। स्थानीय लोगों ने संबंधित विभाग से सड़क की मरम्मत कर आवाजाही सुचारु करने की मांग की है।
लोनिवि खंड कपकोट के अधिशासी अभियंता संजय कुमार पांडे ने बताया कि सड़क की मरम्मत के लिए आपदा के मद से मुख्यालय के लिए आगणन भेजा गया है। नामतीचेटाबगड़ सड़क समेत आपदा के दौरान अन्य क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत के लिए चार करोड़ रुपये की डिमांड की गई है। बजट स्वीकृत होते ही सड़क पर मरम्मत कार्य शुरू कर दिया जाएगा।