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सुंदरढूंगा घाटी में मौसम के कारण नहीं चल सका का रेस्क्यू अभियान

सुंदरढूंगा घाटी में हताहत हुए पांच ट्रैकर और लापता एक पोर्टर को रविवार को भी रेस्क्यू नहीं किया जा सकता है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के 13 जवान कटहलिया नामक स्थान पर पहुंच गए हैं। रविवार को दो-दो हेलीकाप्टरों ने सुंदरढूंगा की तरफ उड़ान भरी।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Sun, 24 Oct 2021 05:17 PM (IST)Updated: Sun, 24 Oct 2021 05:17 PM (IST)
सुंदरढूंगा घाटी में मौसम के कारण नहीं चल सका का रेस्क्यू अभियान
सुंदरढूंगा घाटी में मौसम के कारण नहीं चल सका का रेस्क्यू अभियान

बागेश्वर, जागरण संवाददाता : सुंदरढूंगा घाटी में हताहत हुए पांच ट्रैकर और लापता एक पोर्टर को रविवार को भी रेस्क्यू नहीं किया जा सकता है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के 13 जवान कटहलिया नामक स्थान पर पहुंच गए हैं। रविवार को दो-दो हेलीकाप्टरों ने सुंदरढूंगा की तरफ उड़ान भरी। मौसम आड़े आने से सफलता हासिल नहीं हो सकी है। अलबत्ता सोमवार को भी फिर से मिशन सुंदरढूंगा चलेगा।

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सुंदरढूंगा में बीते 18 अक्टूबर से बंगाली मूल के पांच ट्रकों के हताहत होने की सूचना है। इसके अलावा जैकुनी गांव के पोर्टर खिलाफ सिंह लापता हैं। रविवार को चौथे दिन रेस्क्यू अभियान चला। लेकिन सुंदरढूंगा में मौसम खराब रहा। हल्की बर्फबारी और बारिश के बाद वहां कोहरा छा गया। जिसके कारण रेस्क्यू नहीं हो सका है।

बीती शनिवार को एसडीआरएफ के सात जवानों ने जांतोली से सुंदरढूंगा को कूच किया। जबकि रविवार को एसडीआरएफ के छह जवान हेलीकाप्टर के जरिए कटहलिया नामक स्थान पर सुबह 11 बजे पहुंच गए हैं। यहां से सुंदरढूंगा की दूरी लगभग दस किमी है। वह शाम तक सुंदरढूंगा के आसपास होंगे। सोमवार की सुबह से वह रेस्क्यू में जुट जाएंगे। मौसम ने साथ दिया तो रेस्क्यू अभियान सफल होगा। जिला सूचना अधिकारी रती लाल ने बताया कि टीम के साथ दो स्थानीय पोर्टर भी शामिल हैं।

उधर, गत दिवस पूर्व विधायक ललित फर्स्वाण ने जैकुनी गांव से 25 सदस्यीय ग्रामीणों का दल सुंदरढूंगा को रवाना किया था। जिससे अभी संपर्क नहीं हो पा रहा है। दल के पास सेटेलाइट आदि की व्यवस्था नहीं है। इधर, पूर्व जिपंअ हरीश ऐठानी ने कहा कि आपदा तंत्र पूरी तरह फेल है। जिला प्रशासन की नाकामी के कारण रेस्क्यू अभियान में सफलता नहीं मिल रही है।

डीएम विनीत कुमार ने बताया कि हेलीकाप्टर से देवीकुंड क्षेत्र की वीडियो बनाई गई और वह उनके पास आई है। मौसम बेहद खराब है। कटहलिया नामक स्थान पर जवान पहुंच गए हैं। वह पैदल लगभग दस किमी चलकर सुंदरढूंगा पहुंच जाएंगे। सोमवार की सुबह से ही रेस्क्यू अभियान शुरू कर दिया जाएगा। सुंदरढूंगा की तरफ कोई भी ग्रामीण नहीं गया है।


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