सहकारी समितियों में प्रशासकों के साथ नहीं रहेंगे अध्यक्ष
साधन सहकारी समितियों में प्रशासकों के साथ अध्यक्षों के भी समिति में बने रहने के हाई कोर्ट के एकलपीठ के आदेश पर खंडपीठ ने रोक लगा दी है।
नैनीताल, [जेएनएन]: साधन सहकारी समितियों में प्रशासकों के साथ अध्यक्षों के भी समिति में बने रहने के हाई कोर्ट के एकलपीठ के आदेश पर खंडपीठ ने रोक लगा दी है। कोर्ट के इस फैसले से सरकार को बड़ी राहत मिली है।
दरअसल राज्य में कार्यरत 759 साधन सहकारी समितियों के अध्यक्ष का कार्यकाल 23 मार्च को समाप्त हो गया तो अगले दिन सरकार द्वारा समितियों में जिला सहायक निबंधक को प्रशासक नियुक्त कर दिया। इधर भीमताल के सुरेंद्र परिहार व अन्य ने याचिका दायर कर सरकार के इस फैसले को चुनौती दी। एकलपीठ ने पिछले दिनों प्रशासकों के साथ ही समिति अध्यक्षों को भी अधिकार देने के आदेश पारित किए थे।
एकलपीठ के इस आदेश को सरकार द्वारा विशेष अपील दायर कर चुनौती दी गई। वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजीव शर्मा व न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की खंडपीठ में सुनवाई के दौरान मुख्य स्थायी अधिवक्ता परेश त्रिपाठी व स्टेंडिंग काउंसिल प्रदीप जोशी ने दलील दी कि सरकार द्वारा समिति अध्यक्षों का कार्यकाल समाप्त होने के बाद ही प्रशासकों की तैनाती की थी। सहकारिता अधिनियम के तहत प्रशासक की नियुक्ति निबंधक का अधिकार है। सरकार व याचिकाकर्ता के अधिवक्ताओं की दलील सुनने के बाद खंडपीठ ने एकलपीठ के आदेश पर रोक लगा दी।
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