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uttarakhand forest fire : तो बदनामी के डर से विभागीय वेबसाइट पर नहीं अपलोड की गईं फॉरेस्‍ट फायर का रिकार्ड

uttarakhand forest fire आग से जुड़ी हर घटनाओं का रिकॉर्ड रोजाना उत्तराखंड वन विभाग की वेबसाइट पर भी अपलोड की जाती है। सरकारी वेबसाइट पर जिले व डिवीजन वार पूरी जानकारी दी जाती है। मगर सरकारी वेबसाइट में वन प्रभाग का कोई रिकॉर्ड नहीं है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Mon, 12 Apr 2021 09:53 AM (IST)Updated: Mon, 12 Apr 2021 09:53 AM (IST)
uttarakhand forest fire : तो बदनामी के डर से विभागीय वेबसाइट पर नहीं अपलोड की गईं फॉरेस्‍ट फायर का रिकार्ड
uttarakhand forest fire : तो बदनामी के डर से विभागीय वेबसाइट पर नहीं अपलोड की गईं फॉरेस्‍ट फायर का रिकार्ड

हल्द्वानी, जागरण संवाददाता : uttarakhand forest fire : जंगल की आग पर काबू पाने के लिए वन विभाग, पुलिस के अलावा अब एनडीआरएफ के जवान भी मोर्चा संभाल चुके हैं। विभाग का दावा है कि पूरी ताकत झोंककर जंगल बचाया जा रहा है। बीते दिनों तराई केंद्रीय डिवीजन की भाखड़ा रेंज के तहत आने वाले आनंदपुर गांव से सटे जंगल की लपटों ने ग्रामीणों को भी डरा दिया था। पुलिस-वन विभाग घंटों मशक्कत कर लालकुआं व रामनगर तक से दमकल वाहन मंगा आग बुझाई। इससे पूर्व इसी डिवीजन की हल्द्वानी रेंज में भी घटनाएं सामने आई थी, मगर सरकारी वेबसाइट में वन प्रभाग का कोई रिकॉर्ड नहीं है। 

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आग से जुड़ी हर घटनाओं का रिकॉर्ड रोजाना उत्तराखंड वन विभाग की वेबसाइट पर भी अपलोड की जाती है। सरकारी वेबसाइट पर जिले व डिवीजन वार पूरी जानकारी दी जाती है। जैसे घटना रिजर्व फॉरेस्ट या वन पंचायत की है, कितना हेक्टेयर जंगल प्रभावित हुआ, वन्यजीवों लेकर मवेशियों का रिकॉर्ड भी मिलेगा। लेकिन वेस्टर्न सर्किल के तहत आने वाली तराई केंद्रीय डिवीजन में अब तक हुई घटनाओं का कोई ब्यौरा वेबसाइट में नहीं दर्ज है।

साढ़े 12 हजार पेड़ राख

आंकड़ों के मुताबिक, रविवार दोपहर तक प्रदेश में आग की 1674 घटनाएं सामने आ चुकी थीं। इसमें सबसे ज्यादा 492 बार चमोली जिले मेें आग लगी। अभी तक प्रदेश में 2337.25 हेक्टेयर जंगल आग की चपेट में आ चुका है। छह लोगों और 22 मवेशी व वन्यजीव इन घटनाओं में अपनी जान गंवा चुके हैं। इसके अलावा 101 हेक्टेयर प्लांटेशन का जंगल भी स्वाहा हो चुका है। 13 जिलों में 12640 पेड़ अब तक पूरी तरह जल चुके हैं। 

डिवीजनवार आग की घटनाएं

डिवीजन                  घटनाएं   हेक्टेयर जंगल प्रभावित

:नैनीताल डिवीजन       92         64.35

:सिविल सोयम नैनीताल  3           सात

:रामनगर सिविल सोयम   7         साढ़े तीन 

:रानीखेत सिविल सोयम  पांच       13 

:अल्मोड़ा डिवीजन        97        218

:सिविल सोयम अल्मोड़ा  52       94.85

:बागेश्वर डिवीजन        130       182.14

:पिथौरागढ़ डिवीजन       94        153.95

:चंपावत डिवीजन         59         44.46

:हल्द्वानी डिवीजन         2          0.3

:तराई पूर्वी डिवीजन       3          2.2

:तराई वेस्ट डिवीजन      7          11.54 

:रामनगर डिवीजन        41          43.4 

जंगल में आग लगने की पूरी रिपोर्ट तैयार की जाती है। आग जल्द कंट्रोल होने या फिर कंट्रोल बर्निंग की वजह से हो सकता है कि डाटा अपडेट न हुआ हो।

-जीवन चंद्र जोशी, वन संरक्षक पश्चिमी वृत्त              

डीएफओ कुंदन ने खुद किया कैंप

हल्द्वानी डिवीजन की दुर्गम रेंज डांडा में आग की सूचना मिलने पर डीएफओ कुंदन कुमार सिंह ने खुद दो दिन तक घने जंगल में कैंप किया। रविवार को एनडीआरएफ की 12 सदस्यीय टीम भी मदद को पहुंची थी। डीएफओ के मुताबिक काफी हद तक आग पर काबू पा लिया गया है।

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