सख्ती : नैनीताल बैंक पर आरबीआइ ने लगाई एक करोड़ रुपये की पेनाल्टी
एनपीए की जानकारी का सिस्टम विकसित नहीं करने पर रिजर्व बैंक ने नैनीताल बैंक पर एक करोड़ की पेनाल्टी लगाई है। रिजर्व बैंक की ओर से जारी विज्ञप्ति में इसकी जानकारी दी गई है।
नैनीताल, जेएनएन : एनपीए की जानकारी का सिस्टम विकसित नहीं करने पर रिजर्व बैंक ने नैनीताल बैंक पर एक करोड़ की पेनाल्टी लगाई है। रिजर्व बैंक की ओर से जारी विज्ञप्ति में इसकी जानकारी दी गई है। बैंक प्रबंधन इस मामले में आधिकारिक तथ्य मिलने से पहले प्रतिक्रिया देने को तैयार नहीं है। नैनीताल बैंक का एनपीए करीब साढ़े तीन सौ करोड़ तक पहुंच चुका है। नैनीताल बैंक में बैंक ऑफ बड़ौदा के 98.57 फीसद शेयर हैं। बैंक की 139 शाखाएं हैं। कुल सालाना व्यवसाय करीब दस हजार करोड़ से अधिक है। बैंक चेयरमैन बैंक ऑफ बड़ौदा के अधिकारी होते हैं। इसकी स्थापना भारतरत्न पं जीबी पंत ने की थी।
आरबीआइ की गाइडलाइन के अनुसार, बैंक को एनपीए या बट्टे खाते में गए ऋण से संबंधित सूचनाओं के लिए ऑटोमेटेड सिस्टम तैयार करना था, जिससे एक क्लिक में पूरी जानकारी आरबीआइ को मिल जाए। आरबीआइ की डिप्टी जीएम शैलजा सिंह की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार, आरबीआइ के बैंकिंग रेगुलेशन के प्रावधान सेक्शन-47 ए एक सी व सेक्शन 46-चार व आइ बैंकिंग एक्ट 1949 को पेनाल्टी लगाने का आधार बनाया गया है। 31 मार्च 2016 व 31 मार्च 2017 की वित्तीय स्थिति पर आधारित रिपोर्ट में एनपीए को लेकर तस्वीर साफ नहीं होने का जिक्र भी किया गया है।
इस संबंध में बैंक के चेयरमैन दिनेश पंत से संपर्क किया गया तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया, जबकि पूर्व चेयरमैन मुकेश शर्मा ने पूरे मामले में टिप्पणी से इन्कार कर दिया। वहीं नैनीताल बैंक स्टाफ एसोसिएशन के ऑल इंडिया महामंत्री प्रवीण साह ने इसे बेहद गंभीर मामला बताते हुए कहा कि पेनाल्टी की रकम की जवाबदेही प्रबंधन की होनी चाहिए।
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