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धपोलासेरा के रविंद्र को सेना मेडल, जम्मू कश्मीर में आतंकी को ढेरकर बचाई थी सात लोगों की जान

धपोलासेरा निवासी सेना में तैनात हवलदार रविंद्र सिंह को शनिवार को ऊधमपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में सेना मेडल (वीरता) पुरस्कार मिला है। लेफ्टिनेंट जरनल वाइके जोशी ने उन्हें यह सम्मान दिया। उन्होंने अदम्य साहस का परिचय दिया था। इसी वीरता के चलते उन्हें यह पुरस्कार मिला है।

By Prashant MishraEdited By: Published: Sat, 27 Feb 2021 05:57 PM (IST)Updated: Sat, 27 Feb 2021 08:31 PM (IST)
धपोलासेरा के रविंद्र को सेना मेडल, जम्मू कश्मीर में आतंकी को ढेरकर बचाई थी सात लोगों की जान
हवलदार रविंद्र सिंह ने क्विक रियक्शन टीम का नेतृत्व करते हुए प्रारंभिक घेराबंदी करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

 जागरण संवाददाता, बागेश्वर : जिले के धपोलासेरा निवासी सेना में तैनात हवलदार रविंद्र सिंह को शनिवार को ऊधमपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में सेना मेडल (वीरता) पुरस्कार मिला है। लेफ्टिनेंट जरनल वाइके जोशी ने उन्हें यह सम्मान दिया। दो साल पहले जम्मू कश्मीर में एक आतंकबादी को मार गिराने और सात लोगों की जान में उन्होंने अदम्य साहस का परिचय दिया था। इसी वीरता के चलते उन्हें यह पुरस्कार मिला है।

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धपोलासेरा निवासी स्व. जगत सिंह धपोला तथा स्व. रेवती देवी के घर एक जुलाई 1979 को रविंद्र का जन्म हुआ। उनका बचपन भी पहाड़ के अन्य युवाओं के तरह बीता। कक्षा पांच तक की पढ़ाई उन्होंने अपने नैनीहाल रावतसेरा में रहकर की। हाइस्कूल की परीक्षा इंटर कालेज देवतोली से की। हाइस्कूल के बाद वह 26 जुलाई 1999 को सेना में भर्ती हो गए। नौकरी के दौरान वह पंजाब, दिल्ली, जम्मू समेत कई स्थानों पर रहे। इस दौरान उनकी पदोन्नति हवालदार के रूप में हुई।

2019 में नौकरी के दौरान जम्मू कश्मीर में एक गांव के एक बहुमंजिला घर में दो आतंकबादी होने की सूचना सेना को मिली। इसके बाद आपरेशन चला। हवलदार रविंद्र सिंह ने क्विक रियक्शन टीम का नेतृत्व करते हुए प्रारंभिक घेराबंदी करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अत्यधिक सघन आबादी वाले क्षेत्र को ध्यान में रखते हुए उच्च साहस और बुद्धि तत्परता का प्रदर्शन करते हुए हवलदार रविंद्र ने एक आतंकवादी को नजदीक से मार गिराया। अपनी जान की परवाह किए बगैर सात व्यक्तियों को बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अदम्य साहसिक कार्य और व्यक्तिगत सुरक्षा की परवाह न करते हुए बहादुरी का प्रदर्शन करने के लिए उन्हें सेना मेडल (वीरता) से अलंकृत किया गया। उनकी इस उपलब्धि पर उनके गांव में खुशी का माहौल है। क्षेत्र और जिले के लोगों ने अपने लाल को सलाम किया है। 

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