रामनगर में महिलाओं ने थर्मल स्कैनिंग पर उठाए सवाल, रैपिड एंटीजन टेस्ट कराने की मांग
प्रशासन द्वारा मुख्य बाजार में कराई गई थर्मल स्कैनिंग पर सवाल उठाते हुए प्रगतिशील महिला एकता केंद्र ने नाराजगी जताई है।
रामनगर, जेएनएन : प्रशासन द्वारा रामननगर के मुख्य बाजार में कराई गई थर्मल स्कैनिंग पर सवाल उठाते हुए प्रगतिशील महिला एकता केंद्र ने नाराजगी जताई है। बुधवार को इस संबंध में प्रगतिशील महिला एकता केंद्र की महिलाएं एसडीएम विजयनाथ शुक्ल से मिलीं। उन्होंने एसडीएम को ज्ञापन सौंपा। महिलाओें ने कहा कि पिछले कुछ समय से कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या में इजाफा हुआ है। इससे लोगों में भय का माहौल बना हुआ है। लोग खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे है। कोरोना संक्रमण बिना किसी लक्षण के भी लोगों में हो रहा है। इसके लिए थर्मल स्कैनिंग काफी नहीं है। लिहाजा प्रशासन को थर्मल स्कैनिंग की जगह रैपिड एंटीजन टेस्ट कराने की जरूरत है। मात्र स्कैनिंग से कोरोना के मामले पकड़ में नहीं आ रहे है।
उन्होंने मांग की कि पूरे क्षेत्र में रैपिड एंटीजन टेस्ट कराए जाएं। इसके अलावा कोरोना संक्रमित पाए जाने वाले व्यक्ति के परिवार को न्यूनतम पाच हजार रुपये की आर्थिक सहायता भी दी जाए। एसडीएम ने बताया कि स्थिति के अनुसार रैपिड एंटीजन टेस्ट किए जा रहे है। ज्ञापन देने वालों में महिला एकता केंद्र की अध्यक्ष शीला शर्मा, रजनी जोशी, बिंदु गुप्ता, नीता, तुलसी, प्रीति आदि शामिल थीं। उधर नैनीताल में आशा हेल्थ वर्कर्स यूनियन ने मंडलायुक्त को ज्ञापन देकर कोरोना संक्रमित आशाओं का मुफ्त उपचार करने की मांग की है।
बुधवार को यूनियन की प्रदेश अध्यक्ष कमला कुंजवाल के नेतृत्व में आशाओं ने मंडलायुक्त अरविंद ह्यांकी को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में कोरोना योद्धा आशाओं के उपचार में उपेक्षा बरती जा रही है। नैनीताल, हल्द्वानी, रुद्रपुर से सितारगंज तक कोरोना पीडि़त आशाओं की उचित देखभाल नहीं की जा रही है। उन्होंने आशाओं व उनके परिवार का मुफ्त इलाज करने, आशाओं को लॉकडाउन भत्ता दस हजार व मासिक मानदेय देने, कोरोना के लिए चिह्नित अस्पतालों की व्यवस्थाओं में सुधार करने की मांग की है। ज्ञापन देने वालों में रश्मि राणा, रमा गैड़ा, दुर्गा टम्टा, हेमा, नीरू पुजारी, निर्मला चंद्रा, कमला बिष्ट आदि शामिल थे।