हल्द्वानी जेल की रामलीला : रावण का वध माता सीता को अयोध्या लेकर पहुंचे प्रभु श्रीराम
महालक्ष्मी पर्व को विशेष बनाने के लिए जेल में प्रभु राम द्वारा रावण वध के बाद सीता को लेकर अयोध्या वापसी का मंचन किया गया। इस दौरान कैदी कलाकारों का जीवंत मंचन देख जेल में जय श्री राम जय हनुमान के नारे गूंज उठे।
हल्द्वानी, जेएनएन : महालक्ष्मी पर्व को विशेष बनाने के लिए जेल में प्रभु राम द्वारा रावण वध के बाद सीता को लेकर अयोध्या वापसी का मंचन किया गया। इस दौरान कैदी कलाकारों का जीवंत मंचन देख जेल में जय श्री राम, जय हनुमान के नारे गूंज उठे। कुछ दिन पहले जेल में रामलीला का मंचन किया गया था। उस समय रावण वध तक का ही मंचन किया गया था।
वरिष्ठ जेल अधीक्षक मनोज आर्य ने बताया कि कुछ दिन पहले आयोजित रामलीला मंचन के बाद कैदियों ने प्रभु राम के अयोध्या वापसी के मंचन की पेशकश की थी। जिस पर शनिवार को महालक्ष्मी पर्व के मंचन किया गया। रामलीला मंचन के सभी पात्र कैदी थे। जिनको कैदी निर्देशक आनंद भाटी ने तालीम दी थी। दोपहर में मंचन शुरू किया गया। प्रभु राम के सीता को लेकर अयोध्या वापसी देख कैदी खासे रोमांचित हुए।
कैदियों ने सभी पात्रों का गर्मजोशी से स्वागत किया और भगवानों के जयकारे लगाए। इसके बाद सभी ने एक-दूसरे को दीप पर्व की बधाई दी और प्रभु राम के चरित्र को जीवन में आत्मसात करने का निर्णय लिया। महालक्ष्मी पर्व पर कैदियों के पकवान व मिठाइयों की व्यवस्था भी जेल प्रशासन की ओर से की गयी थी। वरिष्ठ जेल अधीक्षक ने बताया कि जेल में पर्वों पर ऐसे आयोजनो का मुख्य उद्देश्य कैदियों के जीवन में सदविचार उत्पन्न करना है। जिससे जेल से बाहर जाकर वह अच्छे मार्गों पर चलें और जीवन को सफल बनाएं।
इन कैदियों ने किया था मंचन
राम - संदीप बिष्ट उर्फ सैंडी
लक्ष्मण - नरेश कश्यप
परशुराम - जीवन सिंह
दशरथ व जनक - राधेश्याम
सीता - हिमांशु
रावण व ताड़िका - जितेंद्र चावला
विश्वामित्र - चंद्र बल्लभ जोशी