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Uttarakhand Election 2022 : कभी सहयोगी रहे यशपाल आर्य और राजेश, आज हैं आमने-सामने

2012 में बाजपुर विधानसभा से कांग्रेस से चुनाव लड़े यशपाल आर्य के खिलाफ भाजपा से राजेश कुमार ने चुनाव लड़ा था जबकि 2017 में भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़े यशपाल आर्य के नामांकन में वर्तमान में भाजपा के प्रत्याशी राजेश कुमार गारंटर के रूप में उनके सहयोगी बने थे

By Prashant MishraEdited By: Published: Sat, 29 Jan 2022 10:32 AM (IST)Updated: Sat, 29 Jan 2022 10:32 AM (IST)
Uttarakhand Election 2022 : कभी सहयोगी रहे यशपाल आर्य और राजेश, आज हैं आमने-सामने
एक-दूसरे के खिलाफ चुनावी मैदान में हैं, यशपाल आर्य कांग्रेस तो राजेश कुमार भाजपा से अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।

संवाद सहयोगी, बाजपुर : राजनीति में कब उलट-फेर हो जाए कहा नहीं जा सकता। वर्ष 2012 में बाजपुर विधानसभा से कांग्रेस से चुनाव लड़े यशपाल आर्य के खिलाफ भाजपा से राजेश कुमार ने चुनाव लड़ा था, जबकि 2017 में भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़े यशपाल आर्य के नामांकन में वर्तमान में भाजपा के प्रत्याशी राजेश कुमार गारंटर के रूप में उनके सहयोगी बने थे, लेकिन आज 2022 के विधानसभा चुनाव में नियती का खेल देखिए दोनों पुन: एक-दूसरे के खिलाफ चुनावी मैदान में हैं जिसमें यशपाल आर्य कांग्रेस तो राजेश कुमार भाजपा से अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।

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वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में पूर्व कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य ने 25 जनवरी 2017 को भाजपा प्रत्याशी के तौर पर सादगी के साथ अपराह्न 11.52 बजे अपना नामांकन पत्र उस समय के आरओ पीएस राणा के समक्ष प्रस्तुत किया था जिसमें उस वक्त भाजपा के जिला महामंत्री राजेश कुमार उनके गारंटर के रूप में मौजूद रहे थे और इस चुनाव में यशपाल आर्य ने कांग्रेस प्रत्याशी सुनीता टम्टा बाजवा को 12592 मतों के अंतर से पराजित किया था। चुनाव समाप्ति के शुरुआती दिनों में ही यशपाल आर्य व राजेश कुमार के बीच दूरिया बढऩी शुरू हो गईं जिसके चलते राजेश ने तभी से विधानसभा चुनाव लडऩे की तैयारी प्रारंभ कर दी। हालांकि यशपाल आर्य भाजपा में ही रहते तो राजेश को चुनाव लडऩे का मौका मिलना मुश्किल था, लेकिन जब वह कांग्रेस में शामिल हो गए तो भाजपा में प्रबल दावेदार के रूप में उभरे राजेश कुमार पर पार्टी से भरोसा जताया है।

यशपाल आर्य के कांग्रेस में चले जाने के बाद बदले चुनावी समीकरणों के बीच अब दोनों एक-दूसरे के खिलाफ चुनावी मैदान में हैं। वहीं आम आदमी पार्टी की प्रत्याशी सुनीता टम्टा बाजवा इन दोनों ही दलों (भाजपा-कांग्रेस) के समीकरणों को बिगाड़कर रख दिया है। अब दोनों ही दल नए सिरे से वोटरों व क्षेत्र के हिसाब से गुणा-भाग कर रहे हैं। माना जा रहा है कि चुनाव त्रिकोणीय होगा और किसी भी दल के लिए जीत के आंकड़े को पाना इतना आसान नहीं लग रहा है।


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