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Uttarakhand Weather : नैनीताल में तेज हवा के साथ झूमकर हुई बारिश, मई में सर्दी का अहसास

मंगलवार सुबह से बादलों की अटखेलियों के बाद तेज हवा के साथ बारिश शुरू हो गई। बारिश के साथ ओले भी पड़ रहे हैं।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Tue, 05 May 2020 11:31 AM (IST)Updated: Tue, 05 May 2020 11:31 AM (IST)
Uttarakhand Weather : नैनीताल में तेज हवा के साथ झूमकर हुई बारिश, मई में सर्दी का अहसास
Uttarakhand Weather : नैनीताल में तेज हवा के साथ झूमकर हुई बारिश, मई में सर्दी का अहसास

नैनीताल, जेएनएन : मंगलवार सुबह से बादलों की अटखेलियों के बाद तेज हवा के साथ बारिश शुरू हो गई। बारिश के साथ ओले भी पड़ रहे हैं। नैनीताल, हल्‍द्वानी में सुबह सुबह धूप निकलने के बाद बादलों की आंख मि‍चौली शुरू हो गई। देखते ही देखते आसामान काले बादलों से ढक गया। अचानक तेज हवा चलने के साथ बारिश शुरू हो गई। कई जगह बारिश के साथ हवा इतनी तेज थी बिजली भी कट गई। गली-मोहल्ले के साथ ही सड़कों पर पानी लग गया। आसमान फिलहाल बादलों से ढका हुआ है और मौसम ठंड हो गया है। मई माह में जब सूरज की तपिश के कारण शरीर को झुलसा देनी वाली गर्मी पड़ती है, ऐसे में सर्द मौसम का अहसास हो रहा है। मौसम विभाग ने पहले ही बारिश काे लेकर अलर्ट जारी कर दिया था। विभाग के मुताबिक पश्चिमी विक्षोभ और बंगाल की खाड़ी में बने कम दबाव के क्षेत्र की वजह से मंगलवार से लेकर गुरुवार तक आंधी-तूफान के साथ बारिश, ओलावृष्टि और वज्रपात की संभावना है।

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पहाड़ के बारिश के कारण फसलों काे भारी नुकसान

एक तो विश्वव्यापी महामारी कोरोना और ऊपर से मौसम का सितम। उत्तराखंड के कुमाऊँ मंडल में आंधी पानी के कारण किसान परेशान हैं। गंगोलीहाट, बेरीनाग, थल, मुवानी, अल्मोड़ा आदि स्थानों बारिश व ओलावृष्टि से फसल बर्बाद हो चुकी है। फ़लों में आम, लीची, माल्टा, आड़ू, खुमानी को काफी नुकसान पहुंचा है। सब्जियों में लौकी, कद्दू, भिंडी, ककड़ी, मिर्चा, बीन्स सब मिट्टी में मिल चुकी हैं। फसलों के बर्बाद होने से प्रभावित किसानों प्रशासन से मुआवजे की मांग की है।

आपदा की जद में आए पिथौरागढ के छह घर

पिथौरागढ में सोमवार की रात हुई मूसलाधार बारिश के कारण कनालीछीना ब्लॉक के मुगरौली गांव के छह परिवार भयंकर आपदा की चपेट में आ गए। दिगड़ा मुवानी ग्राम सभा के मुगरौली तोक में 25 परिवार निवास करते हैं। सोमवार की रात भयंकर बारिश होने के कारण बिक्रम सिंह राठौर, भवान सिंह राठौर, डिगर सिंह राठौर, नंदन सिंह राठौर, लाल सिंह राठौर व भूपेंद्र सिंह राठौर के घर के अंदर भारी मलवा व पानी घुस आया। पानी का बहाव इतना तीव्र था कि बिक्रम सिंह के घर के पीछे 10 फीट गहरा गड्ढा बन गया और उनके दोमंजिले तक मलवा भर गया। पानी अंदर के रास्ते बाहर बहने लगा। उनका किचन पूरा दब गया है। इन घरों में सो रहे लोगों को जब आपदा का पता चला, तो वे चीखने चिल्लाने लगे। रात में ही ग्रामीणों की मदद से इन लोगों को अन्यत्र ले जाया गया। गोठ मे बँधे जानवरों को मुश्किल से बाहर निकालकर दूसरी जगह बाँधा गया।सुबह होने पर देखने वाले हतप्रभ रह गये। बिक्रम सिंह, प्रेमा देवी, ममता राठौर, राधा देवी, त्रिभुवन सिंह राठौर, भवान सिंह, नंदन सिंह, खिला देवी, लाल सिंह, भूपेंद्र सिंह आदि ग्रामीणों ने प्रशासन से मुवावजे की माँग की है।

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