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काठगोदाम रेलवे स्टेशन के भ्रष्टाचार को दबाने में जुटे रेलवे अफसर, जानें क्‍या है मामला

गुजरते वक्त के साथ जांच प्रकरण पर बदलते अधिकारियों के स्वर विभाग में फैले भ्रष्टाचार को दबाने की कोशिश किए जाने के संकेत कर रहे हैं।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Sat, 01 Jun 2019 05:25 PM (IST)Updated: Sun, 02 Jun 2019 06:15 PM (IST)
काठगोदाम रेलवे स्टेशन के भ्रष्टाचार को दबाने में जुटे रेलवे अफसर, जानें क्‍या है मामला

अविनाश श्रीवास्तव, हल्द्वानी। काठगोदाम रेलवे स्टेशन पर बने फुटओवरब्रिज में अनियमितता के मामले पर रेलवे विभाग के दो बड़े अधिकारियों (एडीआरएम इंफ्रास्ट्रक्चर व एडीआरएम ऑपरेटिंग) ने जांच कराने के आदेश तो दिए, लेकिन उनके ये आदेश हवा हवाई फरमान के अलावा कुछ और साबित होते नजर नहीं आ रहे हैं। गुजरते वक्त के साथ जांच प्रकरण पर बदलते अधिकारियों के स्वर विभाग में फैले भ्रष्टाचार को दबाने की कोशिश किए जाने के संकेत कर रहे हैं।

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यह है मामला
काठगोदाम रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की सुविधा के लिए वर्ष 2012 व 2013 के मध्य 18 लाख रुपये की लागत से फुट ओवरब्रिज का निर्माण किया गया था। इसमें ठेकेदार व अधिकारियों ने तय मानकों से बड़े पैमाने पर छेड़छाड़ कर ब्रिज का निर्माण किया था, जिससे कुछ सालों बाद ही ब्रिज पर लगी टाइल्स उखडऩे लगी, तो गड़बड़ी सामने आने लगी, जिसकी पड़ताल करते हुए जागरण ने 29 अप्रैल के अंक में पूरे भ्रष्टाचार का खुलासा किया था।

इन अधिकारियों ने दिए थे जांच कराने के निर्देश 

1: मामले में सर्वप्रथम तीन मई को इज्जतनगर मंडल के एडीआरएम ऑपरेटिंग ने पीआरओ राजेंद्र सिंह के माध्यम से जल्द ही जांच कराने की बात कही थी। बताया था कि फिलहाल जांच के लिए टीम बनाई जानी बाकी है। आदेश दिए हुए 27 दिन बीत जाने के बाद भी जांच तो दूर जांचकर्ता टीम का पता भी नहीं चल पाया।
2: काठगोदाम रेलवे स्टेशन के निरीक्षण पर आए एडीआरएम एके अग्रवाल ने 22 मई को प्रेसवार्ता में जांच करवाए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने वार्ता के दौरान अनियमितता पर जांच किए जाने को लेकर सीनियर डीईएन को निर्देश दिए जाने की बात कही थी, लेकिन जब सात दिन बीतने के बाद भी कुछ नहीं हुआ।

इस भ्रष्टाचार के पीछे क्यों पड़े हैं आप
फुट ओवरब्रिज में भ्रष्टाचार के मामले की जांच के बाबत जब एडीआरएम एके अग्रवाल से बात की गई तो वह मीडिया पर ही भड़क गए। बोले, इस मामले के इतने पीछे क्यों पड़े हैं आप। जब उनसे जांच रिपोर्ट के बाबत पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मुझे जिसे जांच के लिए बोलना था, बोल चुका हूं। आप इस मामले के पीछे न पड़ें। एडीआरएम का यह बयान इस भ्रष्टाचार को लेकर उनकी गंभीरता पर भी प्रश्नचिह्न खड़ा कर रहा है।

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