जेल में बंद जयपुर के अधिवक्ता को हाई कोर्ट ने दी माफी
जागरण संवाददाता, नैनीताल : हाई कोर्ट ने अदालत को गुमराह करने में जेल भेजे गए अधिवक्ता को राहत प्रदान
जागरण संवाददाता, नैनीताल : हाई कोर्ट ने अदालत को गुमराह करने में जेल भेजे गए अधिवक्ता को राहत प्रदान करते हुए पांच हजार के निजी मुचलके पर रिहा करने के आदेश पारित किए हैं। अदालत ने अधिवक्ता की एक साल की सजा को निलंबित करते हुए जांच अधिकारी को जांच में सहयोग करने को कहा है।
लालकुआं क्षेत्र के हिम्मतपुर निवासी लड़की का जयपुर राजस्थान निवासी सोमपाल नामक युवक से प्रेम प्रसंग चल रहा था। जिसका लड़की की मां ने विरोध किया। सोमपाल के अधिवक्ता सुरेंद्र मील द्वारा हल्द्वानी से लड़की को लेकर हाई कोर्ट लाया गया और मां से जान माल का खतरा बताते हुए सुरक्षा की अर्जी दाखिल की। सुनवाई के दौरान लड़की व अधिवक्ता के विरोधाभासी बयानों पर कोर्ट को शक हुआ तो एसएसपी नैनीताल को लड़की की मां को कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए गए। अपराह्न दो बजे लड़की की मां ने अदालत में पेश होकर बताया कि वह आंगनबाड़ी कार्यकर्ता है और उसके पति की मौत के बाद बेटी को अच्छे स्कूल में पढ़ाया। वहीं लड़की का जयपुर के एनजीओ संचालक सोमपाल के साथ प्रेम प्रसंग चलने लगा। सोमपाल पहले से शादीशुदा था और उसकी एक साल की बेटी भी है। लड़की के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि मां उसकी अन्यत्र शादी करवाना चाहती है। विरोधाभासी बयानों को देखते हुए कोर्ट ने अधिवक्ता व उसके चालक को जेल भेजने के आदेश पारित किए तो रात में ही कोतवाली मल्लीताल पुलिस ने दोनों को वारंट मिलने के बाद जेल भेजा जबकि लड़की को लालकुआं पुलिस के हवाले कर दिया था। इधर जेल में बंद अधिवक्ता सुरेंद्र मील द्वारा हाई कोर्ट को एक प्रार्थना पत्र भेजा गया। जिसमें उसने अपने भविष्य का हवाला देते हुए सजा माफ करने की अपील की। वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजीव शर्मा व न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह की खंडपीठ ने मामले को सुनने के बाद सजा को एक साल के लिए निलंबित कर दिया।