पानी के लिए खाली बाल्टी लेकर दिया धरना
गौलापार के खेड़ा और नवाड़खेड़ा के ग्रामीणों का सब्र बुधवार को जवाब दे गया। 19 दिन से पेयजल संकट से आक्रोशित ग्रामीण बुधवार को खाली बाल्टियां लेकर खेड़ा चौराहे पर पहुंच गए।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी: गौलापार के खेड़ा और नवाड़खेड़ा के ग्रामीणों का सब्र बुधवार को जवाब दे गया। 19 दिन से पेयजल संकट से आक्रोशित ग्रामीण खाली बाल्टियां लेकर खेड़ा चौराहे पर पहुंच गए। धरना देने के साथ ग्रामीणों ने जल संस्थान और ऊर्जा निगम के खिलाफ नारे लगाए। इसके बाद डीएम को ज्ञापन भेजकर खेड़ा नलकूप व ट्रांसफार्मर की मरम्मत और ऊर्जा निगम, जलसंस्थान के बीच के मतभेद दूर करने की मांग उठाई।
गौलापार के जनप्रतिनिधियों के नेतृत्व में महिलाओं व पुरुषों ने सुबह से ही खाली बाल्टियां लेकर खेड़ा चौराहे पर पहुंचना शुरू कर दिया था। ग्रामीणों ने कहा कि जलसंस्थान व ऊर्जा निगम के आपसी विवाद की वजह से सैकड़ों परिवारों को जलसंकट झेलना पड़ रहा है। 10 सितंबर को नलकूप का ट्रांसफार्मर फुंक गया था। मरम्मत के एक-दो दिन बाद ही ट्रांसफार्मर फिर फुंक गया और पेयजलापूर्ति ठप हो गई। ऊर्जा निगम का कहना है कि नलकूप को चलाने के लिए 45केवी का ट्रांसफार्मर लगाया है। जबकि नलकूप में 100 एचपी की मोटर लगी है। इस मोटर को चलाने के लिए 65केवी क्षमता के ट्रांसफार्मर की जरूरत है। जबकि जलसंस्थान ट्रांसफार्मर का लोड नहीं बढ़ा रहा है। वहीं जलसंस्थान के अफसर ऊर्जा निगम का ट्रांसफार्मर फुंकना जलसंकट का कारण बताकर पल्ला झाड़ रहे हैं।
क्षेत्रवासियों ने कहा कि दो विभागों के विवाद में 6000 की आबादी में हाहाकार मचा है। उन्होंने डीएम को ज्ञापन भेजकर जल्द पेयजल समस्या का स्थायी समाधान न होने पर भूख हड़ताल की चेतावनी दी है। प्रदर्शनकारियों में ग्राम प्रधान रमा मेहता, हीरा सिंह बिष्ट, विद्या लोशाली, भुवन लोशाली, मनोज सिंह रावत, पूरन चंद्र, लीला बिष्ट, अर्जुन बिष्ट, नीमा देवी, प्रेम सिंह राणा, सुनीता, हंसी देवी, भावना, ममता, दामोदर जोशी, उत्तम सिह, प्रमोद कुमार, जोगा सिंह मेहता, भानू प्रताप सिंह समेत दर्जनों ग्रामीण शामिल थे।