यूरोलाजिस्ट डा. लक्ष्मण पाल प्रोस्टेट मरीजों को दे रहे हैं अहम सलाह
कई बार मरीज प्रोस्टेट होने पर अधिक पानी पीते हैं। दवा लेने के बाद भी बीमारी ठीक नहीं होती। डा. लक्ष्मण सिंह पाल का कहना है कि ऐसे मरीजों को 24 घंटे के भीतर डेढ़ लीटर से ज्यादा पानी नही पीना चाहिए।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : कई बार मरीज प्रोस्टेट होने पर अधिक पानी पीते हैं। दवा लेने के बाद भी बीमारी ठीक नहीं होती। डा. लक्ष्मण सिंह पाल का कहना है कि ऐसे मरीजों को 24 घंटे के भीतर डेढ़ लीटर से ज्यादा पानी नही पीना चाहिए। साथ ही संयमित जीवन जीते हुए खानपान में भी विशेष ध्यान रखना चाहिए। डा. पाल डा. सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय में यूरोलाजिस्ट हैं।
प्रोस्टेट के लक्षण
- पेशाब रुक-रुक कर आना
- पेशाब में जलन होना
- बार-बार पेशाब आना
- पेशाब में संक्रमण
- अधिक दिक्कत होने पर खून आना
उम्र के साथ बढ़ती है बीमारी
डा. पाल ने बताया कि यह बीमारी उम्र के साथ बढ़ती है। 50-60 वर्ष के बाद बीमारी होने लगती है। बीमारी का पता लगाने के लिए पेशाब की जांच की जाती है। अल्ट्रासाउंड किया जाता है।
दवाइयों व सर्जरी से उपचार
पाठकों के सवालों का जवाब देते हुए डा. पाल का कहना था, अधिकांश मरीजों में बीमारी ठीक हो जाती है। जब दवाइयों से बीमारी ठीक न हुई तो सर्जरी की आवश्यकता पड़ती है। उन्होंने बताया कि आपरेशन की सलाह 60 वर्ष बाद ही दी जाती है। बहुत जरूरी होता है तब पहले भी किया जाता है।
पीएसए से चलता है कैंसर का पता
प्रोस्टेट बढऩे पर कैंसर का खतरा रहता है। इसके लिए पीएसए (प्रोस्टेट स्पेसिक एंटीजन) की जांच की जाती है। इससे प्रोस्टेट में कैंसर की ग्रंथियों के बारे में पता चलता है। इसकी सलाह डाक्टर मरीज को देखने के बाद देते हैं।
इन बातों का रखें ध्यान
ऐसे लोग बहुत ज्यादा पानी न पीएं। मांस, मदिरा, धूमपान, चाय, काफी के सेवन से बचें। नियमित व्यायाम व योग करें।
पांच एमएम से कम की पथरी में नहीं आपरेशन की जरूरत
डा. पाल का कहना था कि पांच एमएम तक की पथरी में आपरेशन की जरूरत नहीं पड़ती है। इससे ऊपर की पथरी में मरीज की स्थिति को देखते हुए दवा व आपरेशन की सलाह दी जाती है। डा. पाल ने बताया कि बीमारी न हो। इसके लिए पानी ज्यादा पीएं। फल, हरी सब्जी, मांस, मदिरा के सेवन से परहेज करें।
इन्होंने लिया परामर्श
हल्द्वानी से एचएस अधिकारी, रइसुद्दीन, धन सिंह, एचडी पाठक, किशन सिंह नैनवाल, मुखानी से एसएस बिष्ट, डहरिया से केएस बिष्ट, भगवानपुर से नंदा बल्लभ पाठक, काशीपुर से वीरेन्द्र कुमार, पिथौरागढ़ से देवरा, प्रियंका, भीमताल से राम सिंह पोखरिया, हेमू पांडे, रुद्रपुर से गीता, खटीमा से संजय भट्ट, लोहाघाट से लक्ष्मण सिंह बोहरा, गंगोलीहाट से नीलम, अल्मोड़ा से दीपक, साबिर खान, नरेन्द्र आदि ने फोन कर परामर्श लिया।