एमबीपीजी कालेज के प्रो संतोष ने पूरे परिवार का बनावाया अंगदान कार्ड
एमबीपीजी कालेज के एसोसिएट प्रोफेसर डा. संतोष मिश्र ने पिता श्रीनिवास मिश्र माता पत्नी व बच्चों के साथ कुल छह लोगों ने अंगदान किया है। जिसका कार्ड बनकर उन्हें मिल गया है। उनके इस कदम की हर कोई प्रशंसा कर रहा है।
नैनीताल, जागरण संवाददाता : एमबीपीजी कालेज के एसोसिएट प्रोफेसर डा. संतोष मिश्र ने पिता श्रीनिवास मिश्र, माता, पत्नी व बच्चों के साथ कुल छह लोगों ने अंगदान किया है। जिसका कार्ड बनकर उन्हें मिल गया है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान दिल्ली द्वारा जांच के उपरान्त पंजीकृत डाक से भेजे अंगदान डोनर कार्ड कुन्तीपुरम, हिम्मतपुर तल्ला, हल्द्वानी निवासी पं. श्रीनिवास मिश्र के परिवार को प्राप्त हो गए। भारतीय डाक विभाग के वरिष्ठ डाकिया राजेन्द्र सिंह बिष्ट ने घर जाकर परिवार के छह सदस्यों की छह पंजीकृत डाक उपलब्ध कराई। श्रीनिवास मिश्र ने सपरिवार नवरात्र के दौरान 10 अक्टूबर को एम्स दिल्ली को अंगदान के लिए भेजा था। एम्स के अस्पताल प्रबन्धन की प्रोफेसर डा. आरती विज ने हस्ताक्षरित पत्र में आग्रह किया गया है कि अंगदान डोनर कार्ड को अंगदाता हर समय अपने साथ रखें। एम्स की ओर भेजे गये अंगदान डोनर कार्ड प्राप्त करने वालों में श्रीनिवास मिश्र, उनकी पत्नी कमला मिश्र, उनके पुत्र व पुत्रवधू डा. सन्तोष मिश्र, गीता मिश्र तथा उनकी पौत्री शिवानी मिश्र व हिमानी मिश्र शामिल हैं। तीन पीढिय़ों का एक साथ अंगदान के लिए शपथ लेना सराहनीय कदम है।
अंगदान से किसी की जिंदगी बचा सकते हैं आप
अंगदान से आप मृत्यु के बाद भी किसी की जिंदगी के काम आ सकते हैं। इसके लिए एम्स की वेबसाइट पर जाकर आप अंगदान की प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं। अंग पुन: स्थापन बैंक अंगदान की प्रक्रिया को सुचारु रूप से संचालित करने के लिए देश के विभिन्न भागों में अस्पतालों की चेन बना रहा है। ताकि हर जगह से समन्वय स्थापित कर अधिक से अधिक लोगों को लाभ पहुंचाया जा सके। दिल्ली के सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों के साथ-साथ कैलाश हॉस्पिटल नोएडा, संजय गांधी पीजीआई लखनऊ, पीजीआईएमईआर चंडीगढ़, केयर हॉस्पिटल हैदराबाद, जसलोक हॉस्पिटल मुंबई को भी इस अंगदान नेटवर्क से जोड़ा गया है। इसके सुविधाजनक संचालन के लिए हर संस्था में एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। जिसके माध्यम से अंगदान को सहज व सरल बनाया जा सके।
अंगदान के करें आवेदन
1.जीवित रहते अंगदान की शपथ लेकर।
2.मृत्यु के उपरांत परिवार के सदस्यों की सहमति से।
3. जीवन में कभी भी कोई भी व्यक्ति दो गवाहों की उपस्थिति में जिसमें से एक करीबी रिश्तेदार हो, अंगदान शपथ पत्र भर सकता है।
4. अंगदान का शपथ पत्र एम्स की वेबसाइट से डाउनलोड किया जा सकता है, यह प्रपत्र निशुल्क है।
5. अंगदान शपथ पत्र के सही पाए जाने पर एम्स दिल्ली द्वारा आर्गन डोनर कार्ड प्रदान किया जाता है, एम्स की सलाह होती है कि डोनर कार्ड हर समय जेब में रखना चाहिए।
6. अंगदान के समय अंग दानी के परिवार पर कोई आर्थिक बोझ नहीं पड़ता है।
7. अंगदान करने से मृत शरीर को बाहर से कोई क्षति नहीं दिखती है, बल्कि सामान्य दिखती है ताकि अंतिम संस्कार कोई असुविधा ना हो।