Chamoli Glacier Tragedy : चमोली त्रासदी को लेकर 15 वर्ष पूर्व ही चेता चुके थे प्रो. गिरधर नेगी, यात्रा वृतांत में दिया है भविष्य के खतरों के संकेत
Chamoli Glacier Tragedy 2006 में जब उन्होंने डा. मंजुल जोशी के साथ क्षेत्र की पैदल यात्रा की थी तो तब विद्युत परियोजनाओं के लिए बांध बनाने का कार्य चल रहा था। साक्षात्कार में स्थानीय लोगों ने इस कार्य का भारी विरोध भी किया था।
जागरण संवाददाता, नैनीताल : Chamoli Glacier Tragedy : चमोली त्रासदी आने के बाद मची तबाही के संकेत इतिहास विभाग में तैनात प्रो. गिरधर सिंह नेगी 15 वर्ष पूर्व ही अपने यात्रा वृतांत में दे चुके है। इस किताब में उनके द्वारा भविष्य में आने वाले खतरों से निपटने के लिए सुझाव भी दिए थे।
प्रो. नेगी ने पत्रकार वार्ता कर 15 वर्ष पूर्व उनके द्वारा की गई नीति माणा क्षेत्र की पैदल यात्रा के अनुभव साझा किए। उन्होंने कहा कि 2006 में जब उन्होंने डा. मंजुल जोशी के साथ क्षेत्र की पैदल यात्रा की थी तो तब विद्युत परियोजनाओं के लिए बांध बनाने का कार्य चल रहा था। साक्षात्कार में स्थानीय लोगों ने इस कार्य का भारी विरोध भी किया था। जिसके बाद 2007 में उन्होंने इस यात्रा पर (भारत तिब्बत सीमा से नीति और माणा घाटी कल और आज) पुस्तक प्रकाशित की थी, जिसमें उनके द्वारा विद्युत परियोजना के लिए कराए जा रहे निर्माण कार्यो के चलते निकट भविष्य में त्रासदी आने का उल्लेख किया गया है। जिसमें इन खतरों से निपटने के सुझाव भी दिए गए है। जिसके बावजूद क्षेत्र में निर्माण कार्य और मानवीय हस्तक्षेप नहीं रुका। उन्होंने कहा कि अनियोजित विकास कार्य प्रकृति को नुकसान पहुंचा रहे है। सरकार को चाहिए कि प्रकृति की रक्षा को ध्यान में रखकर विकास का माडल तैयार किया जाए।
यह भी पढ़ें : Uttarakhand Chamoli Glacier Tragedy : जल प्रलय के दिन सुरंग में फंसे फोरमैन ने दूसरी बार दी मौत को मात
Uttarakhand Flood Disaster: चमोली हादसे से संबंधित सभी सामग्री पढ़ने के लिए क्लिक करें