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कोरोना संक्रमण की आड़ में फरार हो रहे कैदी, दो हत्यारोपित और एक तस्कर को ढूंढ रही पुलिस

कोरोना संक्रमण की आड़ में कैदियों ने फरार होने का रास्ता निकाला है। सितारगंज सेंट्रल जेल के अब तक चार कैदी कोविड सेंटरों से भाग चुके हैं। जिनमें से एक कैदी को हल्द्वानी से गिरफ्तार कर लिया गया है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Sun, 27 Sep 2020 07:40 AM (IST)Updated: Sun, 27 Sep 2020 07:40 AM (IST)
कोरोना संक्रमण की आड़ में फरार हो रहे कैदी, दो हत्यारोपित और एक तस्कर को ढूंढ रही पुलिस
सितारगंज सेंट्रल जेल के अब तक चार कैदी कोविड सेंटरों से भाग चुके हैं।

सितारगंज, जेएनएन : कोरोना संक्रमण की आड़ में कैदियों ने फरार होने का रास्ता निकाला है। सेंट्रल जेल के अब तक चार कैदी कोविड सेंटरों से भाग चुके हैं। जिनमें से एक कैदी को हल्द्वानी से गिरफ्तार कर लिया गया है। वहीं अब संक्रमित तीन कैदी रुद्रपुर जिला अस्पताल से फरार हो चुके हैं। जिन्हें पकड़ना भी अब पुलिस के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि तीनों कैदी कोरोना पॉजिटिव हैं।

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सेंट्रल जेल के सजायाफ्ता तीन कैदी के फरार होने के बाद कोविड केयर सेंटरों में कैदियों की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं। तीनों कैदी सजायाफ्ता थे। कोविड-19 सेंटर में कैदियों की सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता ना होने की वजह से इन्हें फरार होने का मौका मिल गया। प्रशासन ने पूर्व में हत्या के मामले में नामजद कैदी के एच डी एच कोविड-19 सेंटर से फरार होने के बाद भी कोई सबक नहीं लिया। जून माह में शक्ति फार्म की सूखी नदी पर युवक की हत्या कर दी गई थी। इस मामले में पुलिस ने दिल्ली के युवक को गिरफ्तार किया था।

जेल में शिफ्ट करने से पहले पुलिस ने गिरफ्तार युवक को हल्द्वानी स्थित सुशीला तिवारी कोविड सेंटर में 14 दिन के लिए रखा था। यहां से कैदी सुरक्षा मानकों की ढिलाई की वजह से सुबह तड़के ही फरार हो गया था। जिसके बाद फरार कैदी को हल्द्वानी पुलिस की संयुक्त टीमों ने गिरफ्तार कर लिया था। कोविड केयर एसटीएस से फरार होने के बाद भी कैदियों की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर चौकसी नहीं बरती गई है जिसका खामियाजा जेल प्रशासन को 25 सितंबर की रात कोविड सेंटर से तीन कैदियों के फरार होने की वजह से भुगतना पड़ रहा है।

फरार कैदी

  • आनंद कुमार पुत्र केशो राम निवासी ग्राम मछरिया, कटघर, मुरादाबाद को अगस्त 2018 को अल्मोड़ा से सितारगंज में लाया गया था। हत्या के मामले में आनंद उम्र कैद की सजा काट रहा था।
  • गौरव उर्फ गोपाल पुत्र धर्म सिंह निवासी धाख चौपाइयां, धट्टी मझोड, अल्मोड़ा को मई 2019 को हरिद्वार से खुली जेल में लाया गया था। गौरव हत्या के मामले में उम्र कैद की सजा काट रहा था। और सजा के दौरान जेल में अन्य कैदी के साथ लड़ाई के मामले में इस पर 325 के तहत भी मुकदमा दर्ज है।
  • देवेंद्र धानु उर्फ दीपक पुत्र हरि बहादुर निवासी चैनपुर, वार्ड 8, बजहांग, नेपाल को जून 2017 में हरिद्वार से सितारगंज के जेल में लाया गया था। धानु को एनडीपीएस एक्ट के तहत दस साल की सजा सुनाई गई थी।

पॉजिटिव कैदियों को पकड़ना बनेगा चुनौती

कोविड-19 सेंटर से फरार हुए तीनों सजायाफ्ता कैदी करुणा से संक्रमित हैं। जोकि मौजूदा संक्रमण के हालात को देखते हुए समाज के लिए भी घातक है। पुलिस को इन फरार कैदियों को पकड़ने के लिए खुद को भी संक्रमण से बचाना होगा।


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