प्रधानाचार्यों ने नियुक्ति में मनमानी का लगाया आरोप, न्यायालय जाने की दी चेतावनी
उप प्रधानाचार्यों के शैक्षिक पदों पर चयनित 84 अभ्यर्थियों को बिना किसी प्रक्रिया के उप शिक्षा अधिकारी के प्रशासनिक पदों पर तैनात किए जाने से प्रधानाचार्यों में नाराजगी बढ़ गयी है। मामले में प्रधानाचार्यों ने आपत्ति जताते हुए शिक्षा सचिव और निदेशक को प्रत्यावेदन भेजा है।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : लोक सेवा आयोग के तहत उप प्रधानाचार्यों के शैक्षिक पदों पर चयनित 84 अभ्यर्थियों को बिना किसी प्रक्रिया के उप शिक्षा अधिकारी के प्रशासनिक पदों पर तैनात किए जाने से प्रधानाचार्यों में नाराजगी बढ़ गयी है। मामले में प्रधानाचार्यों ने आपत्ति जताते हुए शिक्षा सचिव और निदेशक को प्रत्यावेदन भेजा है। साथ ही न्याय न मिलने की दशा में न्यायालय की शरण लेने की भी चेतावनी दी है। प्रधानाचार्यों का कहना है कि सेवा नियमावली 2006 के आधार पर लोक सेवा आयोग उत्तराखंड द्वारा 2014 में उप प्रधानाचार्य व वरिष्ठ प्रवक्ता डायट के पदों पर भर्ती प्रक्रिया पूरी कर नियुक्ति के लिए चयन सूची शिक्षा विभाग को भेजी। इस बीच विभाग का नया ढांचा बन जाने के कारण शिक्षा विभाग ने मनमाने ढंग से उप प्रधानाचार्यों एवं वरिष्ठ प्रवक्ता डायट के पदों पर चुने गए आवेदकों को नए सृजित पद उप शिक्षा अधिकारी में तैनाती दे दी। जबकि विभाग में उस समय डायट वरिष्ठ प्रवक्ताओं के पद रिक्त चल रहे थे।
कहा कि, नियमावली 2006 के अनुसार उप प्रधानाचार्य और डायट वरिष्ठ प्रवक्ता के पद पर तैनात अधिकारियों की पदोन्नति प्रधानाचार्य के पद पर होती थी लेकिन, विभाग ने मनमाने ढंग से बिना किसी पारदर्शिता के इन्हें प्रशासनिक संवर्ग के पदों पर तैनात कर दिया। अब इन्हें उप शिक्षा अधिकारी बनाने की कवायद शुरू कर दी गयी है। कहा कि, उप खंड शिक्षा अधिकारी के पद का वेतन प्रधानाचार्य से कम होता है लेकिन प्रशासनिक पद होने के कारण प्रधानाचार्य इनके नियंत्रण में कार्य करते हैं। जो कि कतई मंजूर नहीं है। विभाग की इस एकतरफा कार्यप्रणाली से प्रधानाचार्यों को आपत्ति है। प्रत्यावेदन देने वालों में डॉ. एमएस मिश्रा, एके सिंह आदि शामिल हैं।