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124 वर्षों से विश्व में भारतीय ज्ञान व संस्कृति का प्रसार कर रही है स्वामी विवेकानंद की प्रबुद्ध भारत पत्रिका

आश्रम मायावती से प्रकाशित प्रबुद्ध भारत पत्रिका देश - विदेश में भारतीय ज्ञान और दर्शन का प्रसार कर रही है। 124 वर्षों से इस पत्रिका का संचालन आश्रम से किया जा रहा है। पत्रिका में समाजिक आध्यात्मिक दर्शन इतिहास संस्कृति व मनोविज्ञान जैसे विषयों में लेख प्रकाशित होते हैं।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Fri, 09 Oct 2020 12:59 PM (IST)Updated: Fri, 09 Oct 2020 12:59 PM (IST)
124 वर्षों से विश्व में भारतीय ज्ञान व संस्कृति का प्रसार कर रही है स्वामी विवेकानंद की प्रबुद्ध भारत पत्रिका
अद्वैत आश्रम मायावती से प्रकाशित होती है प्रबुद्ध भारत पत्रिका

चम्पात, जेएनएन : अद्वैत आश्रम मायावती से प्रकाशित होने वाली प्रबुद्ध भारत पत्रिका देश - विदेश में भारतीय ज्ञान और दर्शन का प्रसार कर रही है। 124 वर्षों से इस पत्रिका का संचालन आश्रम से किया जा रहा है। पत्रिका में समाजिक, आध्यात्मिक दर्शन, इतिहास, संस्कृति व मनोविज्ञान जैसे विषयों में लेख प्रकाशित होते हैं।

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अंग्रेजी में प्रकाशित होने वाली प्रबुद्ध भारत पत्रिका का शुभारंभ युग पुरुष स्वामी विवेकानंद ने वर्ष 1896 को चेन्नई में किया था। शुभारंभ के तीन वर्ष बाद ही वर्ष 1899 से इस पत्रिका का प्रकाशन लोहाघाट नगर से नौ किमी दूर अद्धैत आश्रम मायावती से शुरू किया गया। 1925 तक यह पत्रिका चम्पावत जिले के लोहाघाट नगर से नौ किमी दूर अद्वैत आश्रम मायावती से प्रकाशित होती रही।

वर्ष 1925 प्रिंटिंग मशीन में तकनीकि खराबी आने के बाद पत्रिका का प्रकाशन एक बार फिर कोलकाता से शुरू कर दिया गया, लेकिन इसके कवर पेज से लेकर लेखन आदि का संपादन अब भी मायावती आश्रम से ही हो रहा है। पत्रिका के सभी पेजों को यहां तैयार करने के बाद मेल से इसे छापने व वितरण के लिए कोलकाता भेजा जाता है। पत्रिका में ऑक्सफोर्ड, हावर्ड, कैम्ब्रिज, प्रिंसटन जैसे विश्व विख्यात विश्व विद्यालयों से जुड़े विद्वान लेखक भी अपने लेख भेजते हैं।

पत्रिका के पहले संपादक राजम अय्यर थे। स्वामी स्वरूपानंद, स्वामी अशोकनंदा व स्वामी गंभीरानंदा जैसे मूर्धन्य संत भी इस पत्रिका का संपादन कर चुके हैं। इस समय स्वामी नरसिंहानंद पत्रिका का संपादन कर रहे हैं। वर्तमान में इस पत्रिका की सात हजार प्रतियां हर माह निकल रही हैं, जो विश्व के 23 देशों में भी भेजी जाती हैं। ऑनलाइन वेबसाइट में भी हजारों लोग पत्रिका पढ़ रहे हैं।

संपादक स्वामी नरसिंहानंद जी महाराज ने बताया कि इस पत्रिका में रवींद्र नाथ ठाकुर, अर्नाल्ड टाइन बी, आंनद कुमार स्वामी, जगदीश चंद्र बसु, सरोजनी नायडू, एपीजे अब्दूल कलाम, अभिनव बिंद्रा सहित कई अन्य लोग भी पत्रिका में लेख लिख चुके हैं। पत्रिका में एक कॉलम में मायावती आश्रम द्वारा क्षेत्र में चलाए जा रहे जनहित के कार्यों का उल्लेख रहता है।

विश्व के इन देशों में पढ़ी जाती है पत्रिका

प्रबुद्ध भारत पत्रिका अमेरिका, आस्टे्रलिया, बांग्लादेश, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, ग्रीस, इटली, जापान, कीनिया, मॉरिसस, नीदरलैंड, न्यूजीलैंड, रूस, दक्षिण अफ्रीका, श्रीलंका, स्वीडन, इंग्लैंड, स्पेन, स्वीटजरलैंड, नेपाल देशों में पढ़ी जा रही है।

विवेकानंद ने की थी मायावती आश्रम की स्थापना

अद्धैत आश्रम मायावती की स्थापना वर्ष 1899 में स्वामी विवेकानंद के शिष्य स्वामी स्वरूपानंद ने विवेकानंद के अंग्रेज शिष्य कैप्टन जेएच सेवियर और उनकी पत्नी सीई सेवियर के सहयोग से की थी। वर्ष 1903 में यहां धर्मार्थ अस्पताल की स्थापना की गई थी। स्वामी विवेकानंद ने आश्रम में कई दिनों तक ध्यान साधना की थी।


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