दारोगा के ट्रेनिंग शेड्यूल में शामिल होगा किशोर न्याय अधिनियम
राज्य पुलिस के उपनिरीक्षक प्रशिक्षण में किशोर न्याय अधिनियम का पाठ शामिल किया जाएगा।
जागरण संवाददाता, नैनीताल : राज्य पुलिस के उपनिरीक्षक प्रशिक्षण में किशोर न्याय अधिनियम का पाठ शामिल किया जाएगा। ट्रेनिंग के दौरान ही अधिनियम की बारीकियों व क्रियान्वयन के तौर तरीके सिखाए जाएंगे। राज्य में मानसिक रूप से दिव्याग बच्चों के लिए होम बनाया जाएगा, जिसका संचालन समाज कल्याण विभाग करेगा। किशोर न्याय बोर्ड व बाल कल्याण समिति की रिक्तियों को जल्द भरा जाएगा। जिलों में बोर्ड के दफ्तरों में कर्मचारियों की तैनाती व फर्नीचर भी उपलब्ध कराया जाएगा।
बुधवार को बोर्ड चेयरमैन व हाईकोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति वीके बिष्ट की अध्यक्षता में हाईकोर्ट सभागार में हुई बैठक में ये निर्णय लिए गए। बैठक में राज्य व जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सहयोग से जेजे एक्ट में मिलने वाली सुविधाओं व महिला कल्याण योजनाओं के प्रचार-प्रसार पर जोर दिया गया। बैठक में दिव्याग बच्चों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए इलेक्ट्रिशियन, हेयर कटिंग, दर्जी आदि प्रशिक्षण देने पर सहमति बनी। इस दौरान किशोर न्याय निधि के क्रियान्वयन को लेकर नीति के मसौदे पर भी मंथन किया गया। यह नीति जल्द तैयार की जाएगी। पुलिस से अपेक्षा की गई कि वह गुमशुदा बच्चों की प्राथमिकी दर्ज करने में किसी तरह की हीलाहवाली नहीं करेगी। वहीं मीडिया से कहा गया कि वह किसी भी हालत में किशोर या बाल अपराधियों की पहचान उजागर न करें। कहा कि किशोर न्याय अधिनियम का सही क्रियान्वयन जरूरी है। इसके लिए एक्ट को दारोगा की ट्रेनिंग के शेड्यूल में शामिल किया जाएगा। बैठक में जस्टिस लोकपाल सिंह, रजिस्ट्रार जनरल प्रदीप पंत, राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण सदस्य सचिव प्रशात जोशी, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, निदेशक समाज कल्याण योगेंद्र यादव, मोहित चौधरी, रेखा आदि मौजूद रहे।