एसटीएच कर्मी समेत छह लोगों पर मुकदमा
एसटीएच में हुए हंगामे को लेकर बीते शुक्रवार की देर रात पुलिस ने छह लोगों पर मुकदमा दर्ज कर लिया है।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी: एसटीएच में हुए हंगामे को लेकर बीते शुक्रवार की देर रात पुलिस ने छह लोगों पर मुकदमा दर्ज किया है। नामजद आरोपितों में एसटीएच की दो महिला कर्मचारियों के अलावा एक बैंक कर्मी भी शामिल है। पुलिस मामले की जांच में जुटी है।
एसटीएच के कोविड वार्ड में भर्ती बिना लक्षण वाले करीब 35 मरीजों को बागजाला स्थित क्वारंटाइन सेंटर में शिफ्ट किया जाना था। शुक्रवार रात भोजन के बाद इन्हें नीचे लाकर बस में बैठाया गया। इस दौरान कुछ लोगों ने विरोध शुरू कर दिया। अस्पताल प्रशासन की सूचना पर पुलिस को मौके पर बुलाया गया। मेडिकल कॉलेज चौकी इंचार्ज मनवर सिंह बिष्ट और मंगलपड़ाव प्रभारी कैलाश सिंह नेगी के पहुंचने पर भी लोग शांत नहीं हुए। विवाद और बढ़ता गया। बमुश्किल लोगों को बस से बागजाला भेजा गया। वहीं, मेडिकल कॉलेज चौकी प्रभारी मनवर ने बताया कि मामले में चम्पावत निवासी धीरज सिंह बिष्ट, नैनीताल निवासी प्रेम सिंह, पंचायत घर निवासी जगत प्रकाश, बिंदुखत्ता इंदिरानगर निवासी हरीश सिंह व एसटीएच में चतुर्थ श्रेणी पद पर तैनात शहनाज और आसमा के खिलाफ शारीरिक दूरी का पालन नहीं करने और बगैर मास्क नारेबाजी करने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है। मुकदमे में शामिल नैनीताल निवासी प्रेम सिंह बैंक में नौकरी करता है।
इधर एसटीएच में भीमताल की एक गर्भवती महिला को रात भर भर्ती नहीं किए जाने के मामले में अस्पताल प्रबंधन ने जांच शुरू कर दी है। राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रो. सीपी भैंसोड़ा का कहना है कि सभी तथ्यों को ध्यान में रख जांच होगी। इसमें लापरवाही मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।
प्राचार्य ने बताया कि मामले को गंभीरता से देखा जा रहा है। महिला की हालत सामान्य है। उसकी डिलीवरी में अभी समय है। वह केवल कोरोना पॉजिटिव होने के चलते ही भर्ती है। बाकी किसी तरह के लक्षण नहीं हैं। इस मामले में तय कमेटी की ओर से जांच शुरू हो गई है। उन्होंने सभी को निर्देशित किया है कि इमरजेंसी में पहुंचने वाले मरीज को प्राथमिकता दें। इस तरह की शिकायत दोबारा नहीं मिलनी चाहिए।
एसटीएच में ही 20 जुलाई को भी एक मामला सामने आया था। उसमें शीशमहल निवासी एक गर्भवती महिला के चार घंटे अस्पताल में रहने के बाद महिला अस्पताल जाना पड़ा था। इस मामले में अस्पताल के नोडल प्रभारी रोहित मीणा जांच कर रहे हैं। हालांकि अभी तक जांच पूरी नहीं हुई है।