कवि केदारनाथ सिंह के निधन से साहित्य जगत में शोक
साहित्य अकादमी के प्रतिष्ठित ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित कवि केदारनाथ सिंह के निधन से साहित्य व लेखन जगत में शोक छा गया है।
नैनीताल, [जेएनएन]: साहित्य अकादमी के प्रतिष्ठित ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित कवि केदारनाथ सिंह के निधन से साहित्य व लेखन जगत में शोक छा गया है। साहित्य और लेखक बिरादरी में धड़ेबाजी और वैचारिक बेड़ियों से दूर केदारनाथ सिंह का सरल व सादगी के लिए हमेशा याद किया जाएगा।
कुमाऊं विवि के महादेवी सृजन पीठ के शोध अधिकारी मोहन सिंह रावत बताते हैं कि कवि केदारनाथ सिंह पीठ के गठन 2006 से 2009 तक पीठ कार्यकारिणी सदस्य रहे। 2010 में वह रामगढ़ में पीठ की ओर से आयोजित महिलाएं और साहित्य विषय पर व्याख्यान दिया था। उन्होंने महिलाओं के साहित्य में योगदान को रेखांकित करते हुए महिलाओं के संघर्ष पर अधिक लेखन पर जोर दिया था। रावत के अनुसार तीन साल तक बतौर कार्यकारिणी सदस्य उन्होंने पीठ के विकास में योगदान दिया और चार बैठकों में शामिल रहे।
रावत के अनुसार 2010 में हुए व्याख्यान में वह दो दिन रामगढ़ में रहे। मगर साहित्यिक धड़ेबाजी से दूर लेखन में तल्लीन रहे। यही उनकी खासियत थी। सरल सादगी पसंद होना उन्हें लीक से हटकर का कवि व इंसान बनाता है। इधर कुलपति प्रो डीके नौडियाल, पीठ के निदेशक प्रो देव सिंह पोखरिया, पूर्व निदेशक व साहित्यकार प्रो लक्ष्मण सिंह बिष्ट बटरोही ने कवि केदारनाथ सिंह के निधन को साहित्य जगत की अपूरणीय क्षति करार देते हुए गहरा शोक प्रकट किया है।
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