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बेटे के शोषण के आरोप में पाक्सो कोर्ट ने महिला को दी जमानत, उत्तराखंड का ऐसा पहला आया सामने

प्रोफेसर ने पत्नी के खिलाफ तहरीर दी कि वह 12 साल के उसके सौतेले बेटे का लैंगिक शोषण कर रही है जिस पर पुलिस ने पाक्सो अधिनियम के साथ ही धारा-504 506 के तहत केस दर्ज कर लिया।

By Prashant MishraEdited By: Published: Wed, 19 Jan 2022 09:58 PM (IST)Updated: Wed, 19 Jan 2022 09:58 PM (IST)
बेटे के शोषण के आरोप में पाक्सो कोर्ट ने महिला को दी जमानत, उत्तराखंड का ऐसा पहला आया सामने
दावा है कि राज्य में पहली बार पाक्सो आरोपित को गिरफ्तार हुए बिना जमानत मंजूर हुई है।

जागरण संवाददाता, नैनीताल : जिले की पाक्सो अदालत ने बेटे के शोषण के मामले में आरोपित सौतेली मां की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। दावा है कि राज्य में पहली बार पाक्सो आरोपित को गिरफ्तार हुए बिना जमानत मंजूर हुई है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले इसका आधार बने हैं। 

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हल्द्वानी के एक प्रोफेसर ने दिसंबर 2019 में तलाकशुदा महिला के साथ दूसरी शादी की थी। प्रोफेसर का पहली शादी से 12 साल का बेटा था। फरवरी 2020 में महिला गर्भवती हो गई तो प्रोफेसर ने गर्भपात कराने के लिए कहा। इसे लेकर दोनों के बीच झगड़ा होने लगा और करीब ढाई माह तक महिला को कमरे में बंद कर दिया गया। एक दिन पड़ोसियों की मदद से महिला भागकर अपनी दीदी के घर पहुंच गई और उत्पीडऩ से आहत होकर मानवाधिकार आयोग व राष्टï्रीय महिला आयोग को पत्र लिखा। इसी बीच प्रोफेसर ने पत्नी के खिलाफ तहरीर दी कि वह 12 साल के उसके सौतेले बेटे का लैंगिक शोषण कर रही है, जिस पर पुलिस ने पाक्सो अधिनियम के साथ ही धारा-504, 506 के तहत केस दर्ज कर लिया।

इस मामले में गिरफ्तारी पर रोक लगाने के लिए महिला ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की तो कोर्ट ने गिरफ्तारी पर रोक लगा दी। इसी बीच पुलिस ने इस मामले में महिला के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी। इसके बाद आरोपित महिला ने फिर से गिरफ्तारी पर रोक लगाने को लेकर पाक्सो कोर्ट में प्रार्थना पत्र दाखिल किया। वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से हुई सुनवाई में बचाव पक्ष के अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली ने अदालत को बताया कि आरोपित महिला का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। जिस घटना के बहाने उस पर आरोप लगाए गए हैं, वह झूठी व मनगढ़ंत है।

वहीं, आरोपित महिला का कहना था कि वह गर्भवती थी तो पति ने जबरन गर्भपात करा दिया। परेशान होकर उसने पति के खिलाफ परिवार न्यायालय में प्रार्थना पत्र दिया तो बदला लेने की मंशा से उसके खिलाफ झूठा केस दर्ज करा दिया गया। बचाव पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट के सतेंद्र कुमार बनाम सीबीआइ मामले में पारित आदेश के आधार पर जमानत मांगी। जिसके आधार पर विशेष न्यायाधीश पाक्सो व अपर सत्र न्यायाधीश नंदन सिंह की कोर्ट ने महिला की जमानत मंजूर कर ली।


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