पीएमजीएसवाई को तीन महीने में वन विभाग को देना होगा जवाब, टकनागोठ-डांडा मल्ला सड़क को काटने का मामला
हल्द्वानी वन डिवीजन में शामिल 12 किमी लंबे टकनागोठ-डांडा मल्ला मोटर मार्ग के लिए 9.14 हेक्येटर भन भूमि हस्तांतरित हुई थी। पीएमजीएसवाई के इंजीनियरों पर वन भूमि में फेरबदल करते हुए कानूनी रूप से एलाइमेंट में बदलाव करने का आरोप लगा है।
संवाद सहयोगी, चम्पावत : टकनागोठ-डांडा मल्ला सड़क को एलाइमेंट के इतर काटे जाने के मामले में केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने पीएमजीएसवाई को नोटिस भेजकर तीन माह के भीतर स्थित स्पष्ट करने को कहा है। साथ ही संशोधित एलाइमेंट का प्रस्ताव मांगा है। जबाव संतोषजनक नहीं मिला तो सड़क की सैद्धांतिक स्वीकृत निरस्त कर दी जाएगी। मामले की जांच कर रहे एसडीओ नंधौर आरके मौर्य ने बताया कि इलाइमेंट में बदलाव और अवैध रूप से पेड़ों को काटने के मामले की जांच चल रही है। इसी प्रक्रिया के तहत विभाग को अपना पक्ष रखने के लिए नोटिस भेजा गया है।
हल्द्वानी वन डिवीजन में शामिल 12 किमी लंबे टकनागोठ-डांडा मल्ला मोटर मार्ग के लिए 9.14 हेक्येटर भन भूमि हस्तांतरित हुई थी। पीएमजीएसवाई के इंजीनियरों पर वन भूमि में फेरबदल करते हुए कानूनी रूप से एलाइमेंट में बदलाव करने का आरोप लगा है। बदले एलामेंट से सड़क काटने के दौरान बिना मंजूरी के 37 पेंड़ों को काटने का भी मामला भी उजागर हो चुका है। इस मामले में वन विभाग ने पीएमजीएसवाई के अधिशासी अभियंता, सहायक अभियंता और अवर अभियंता के खिलाफ वन अधिनियम की धाराओं में मुकदमा दर्ज भी किया है। साथ ही वन निगम पर भी गलत पेड़ काटने के आरोप में आठ लाख से अधिक का जुर्माना भी लगाया गया है। इस पूरे प्रकरण की जांच चल रही है।
अब जांच अधिकारी एसडीएओ आरके मौर्य ने पीएमजीएसवाई के ईई को नोटिस भेजकर तीन माह के भीतर सड़क का एलाइमेंट बदलने और पेड़ों को नुकसान पहुंचाने के संबंध में अपना पक्ष रखने को कहा है। जांच अधिकारी ने बताया कि संतोषजनक जबाव नहीं मिला तो सड़क की सैद्धांतिक स्वीकृति निरस्त कर दी जाएगी। इधर पीएमजीएसवाई के ईई अरविंद प्रसाद जोशी का कहना है कि 92 मीटर सड़क का एलाइमेंट बदला गया है। विभाग द्वारा भी अपने स्तर से इस मामले की जांच की जा रही है। बदले एलाइमेंट का प्रस्ताव बनाकर वन मंत्रालय को भेज दिया गया है।
एसडीओ आरके मौर्य ने बताया कि टकनागोठ-डांडा मल्ला सड़क के नक्शे में बदलाव कर बिना छपान के पेड़ काटे जाने के मामले की जांच चल रही है। वन विभाग ने पीएमजीएसवाई के तीन अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज है। मामले की जांच वे स्वयं कर रहे हैं। विभाग को तीन माह के भीतर अपना पक्ष रखने को कहा गया है।