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Uttarakhand Chunav 2022 : पीएम मोदी ने कुमाउंनी में शुरू और कुमाउंनी में ही खत्म किया भाषण

Uttarakhand Chunav 2022 वह जिस भी राज्य में रैली व जनसभा को संबोधित करते हैं वहां की लोक कला पकवान बोली-भाषा लोक नृत्य व पहनावे की पहले से जानकारी रखते हैं। लोक देव व लोक पर्व को लोक भाषा में मोदी पहाड़ के वासियों को अपना बना गए।

By Prashant MishraEdited By: Published: Thu, 30 Dec 2021 06:04 PM (IST)Updated: Thu, 30 Dec 2021 06:04 PM (IST)
Uttarakhand Chunav 2022 : पीएम मोदी ने कुमाउंनी में शुरू और कुमाउंनी में ही खत्म किया भाषण
Uttarakhand Chunav 2022 : कुमाउंनी में संबोधन सुनकर लोग भावुक होकर काफी देर तक ताली बजाते रहे।

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : उत्तराखंड के हल्द्वानी में गुरुवार को पीएम ने जनसभा को संबोधित किया। वह जिस भी राज्य में रैली व जनसभा को संबोधित करते हैं, वहां की लोक कला, पकवान, बोली-भाषा, लोक नृत्य व पहनावे की पहले से जानकारी रखते हैं। इस जानकारी पर पूरा होमवर्क कर ही वह संबाेधन को जाते हैं। इसका मनोवैज्ञानिक प्रभाव यह पड़ता है कि वहां की जनता अपने को मोदी से जाेड़कर देखती है उनसे लगाव महसूस करती है। यही उन्होंने गुरुवार को हल्द्वानी में भी किया।

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पीएम ने अपने संबोधन की शुरुआत कुमाऊंनी बोली में किया। पहाड़ के लोग अपनी परंपराओं से काफी गहरे से जुड़े हैं। कुमाउंनी में संबोधन सुनकर लोग भावुक होकर काफी देर तक ताली बजाते रहे। मोदी ने शुरुआत कर कहा - (गोल्ज्यू की यो पवित्र धरती कुमाऊं में आप सबै भाई-बैणा कै मेरो नमस्कार, सबै नानतिन कैं प्यार व आशीष) अर्थात - गोल्ज्यू की पवित्र धरती कुमाऊं के सभी भाई-बहनों को मेरा प्यार भरा नमस्कार। छोटे बच्चों को प्यार और आशीर्वाद।

गोल्ज्यू देव को पहाड़ पर लोक देवता के रूप में पूजते हैं। वह न्याय के देवता माने जाते हैं। आज भी लोग उनके दरबार में अपनी समस्या, मनोकामनाओं की अर्जी लगाते हैं। पहाड़ के निवासियों की गोल्ज्यू देवता में गहरी आस्था है। कुमाउंनी में मोदी ने गोल्ज्यू देव को प्रणाम कर उपस्थित जनमानस के मन को छू लिया। अपने संबोधन का समापन करते हुए मोदी ने कहा - (सबै हलद्वाणी नैनीताल वालों कै नई साल की बधै, ओणिवाल घुघुतिया त्यारकि बधै।

अर्थात- हल्द्वानी-नैतीला निवासियों को नए साल की बधाई और आने वाले घुघुतिया पर्व की बधाई।

घुघुतिया कुमाऊं का लोक पर्व है। उत्तर भारत में मनाई जाने वाली मकर संक्रांति को कुमाऊं में घुघुतिया कहते हैं। बागेश्वर में प्रसिद्ध उत्तरायणी मेला भी इसी दिन मनाया जाता है। पूरे कुमाऊं में इस दिन पकवान बनाए जाते हैं और लोग बहुत उत्साह से घुघुतिया मनाते हैं। इस प्रकार से लोक देव व लोक पर्व को लोक भाषा बोल कर मोदी पहाड़ के वासियों को अपना बना गए। 

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