बेस अस्पताल और मुखानी ब्लड बैंक में भी मिलेगा प्लाज्मा, अब तक केवल एसटीएच में ही थी सुविधा
हल्द्वानी के मुखानी स्थित स्व. बीकेडी जोशी चैरिटेबल ब्लड बैंक व बेस अस्पताल में भी प्लाज्मा की सुविधा शुरू हो गई है। स्टेट ब्लड ट्रांसफ्यूजन काउंसिल की निदेशक डा. सरोज नैथानी की ओर से सरकारी-प्राइवेट और चैरिटेबल ब्लड कंपोनेंट सैपरेशन यूनिट्स के ब्लड बैंक प्रभारियों को गाइडलाइन जारी की है।
भानु जोशी, हल्द्वानी। यदि आप प्लाज्मा डोनेट करना चाहते हैं या लेना चाहते हैं तो अब आपको भटकने की जरूरत नहीं पड़ेगी। स्टेट ब्लड ट्रांसफ्यूजन काउंसिल (राज्य रक्त संचरण परिषद) ने सरकारी-प्राइवेट व चैरिटेबल ब्लड कंपोनेंट सैपरेशन यूनिट्स को इसकी मंजूरी दे दी है। यानी हल्द्वानी के मुखानी स्थित स्व. बीकेडी जोशी चैरिटेबल ब्लड बैंक व बेस अस्पताल में भी प्लाज्मा की सुविधा शुरू हो गई है।
स्टेट ब्लड ट्रांसफ्यूजन काउंसिल की निदेशक डा. सरोज नैथानी की ओर से सरकारी-प्राइवेट और चैरिटेबल ब्लड कंपोनेंट सैपरेशन यूनिट्स के ब्लड बैंक प्रभारियों को गाइडलाइन जारी की गई है। जिसमें उन्हें किसी व्यक्ति से प्लाज्मा लेने व प्लाज्मा देने की शर्तें बताई गई हैं। कहा है कि वैध लाइसेंस वाले रक्त केंद्र गाइडलाइन में दिए गए दिशा-निर्देशों के आधार पर प्लाज्मा एकत्र कर सकते हैं।
प्लाज्मा दान से संबंधित अनधिकृत और अवैध गतिविधियों में लिप्तता स्वीकार्य नहीं होने की भी चेतावनी दी गई है। इधर, स्व. बीकेडी जोशी चैरिटेबल ब्लड बैंक के टेक्निकल सुरपवाइजर एवं एडमिनिस्ट्रेटर प्रकाश सिंह मेहरा ने बताया कि काउंसिल से अनुमति मिलते ही प्लाज्मा एकत्र करने या दान करने संबंधी सभी सुविधाएं दुरुस्त कर दी गई हैं। वहीं, बेस अस्पताल के ब्लड बैंक की डा. ऊषा भट्ट ने बताया कि इस संबंध में पत्र मिलने का इंतजार है। अब तक प्लाज्मा देने या लेने की सुविधा केवल एसटीएच में ही थी।
यहां कर सकते हैं संपर्क
स्व. बीकेडी जोशी चैरिटेबल ब्लड बैंक - 8393006555
क्या है प्लाज्मा
हमारे शरीर में मौजूद रक्त में रेड ब्लड सेल्स, व्हाइट ब्लड सेल्स व पीला तरल भाग मौजूद होता है। ब्लड में मौजूद पीले तरल भाग को ही प्लाज्मा कहा जाता है, जिसका 92 फीसद हिस्सा पानी होता है। शेष आठ फीसद में प्रोटीन, ग्लूकोज मिनरल, हार्मोंस, कार्बन डाई ऑक्साइड होता है।
काम की चीज है प्लाज्मा थेरेपी
कोरोना से ठीक हो चुके व्यक्ति के शरीर से प्लाज्मा निकालकर संक्रमित व्यक्ति की बॉडी में इंजेक्ट किया जाता है। इसे प्लाज्मा थेरेपी कहा जाता है।
कौन कर सकता है प्लाज्मा डोनेट
- जो लोग कोरोना संक्रमण से उबर चुके हैं वे रिकवरी के 28 से 30 दिन बाद ही अपना प्लाज्मा डोनेट कर सकते हैं।
- प्लाज्मा डोनेट करने वाले की कोरोना रिपोर्ट निगेटिव होनी चाहिए।
- जिनकी उम्र 18 साल या इससे अधिक हो चुकी है और पूरी तरह से स्वस्थ हैं वे भी प्लाज्मा डोनेट कर सकते हैं।
- 60 साल तक के स्वस्थ व्यक्ति प्लाज्मा डोनेट कर सकते हैं।
- प्लाज्मा डोनेट करने वाले व्यक्ति का वजन 55 किलोग्राम या इससे अधिक होना चाहिए।
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