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लाइब्रेरी और शिक्षकों के लिए पिथौरागढ़ कॉलेज के छात्रों का प्रदर्शन जारी, 28 दिन हुए पूरे NAINITAL NEWS

रविवार को छात्र-छात्राओं ने पुस्तकों और प्राध्यापकों की कमी दूर किए जाने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर धरना दिया। इस दौरान एनसीसी कैडेट्स ने धरना स्थल पर पहुंच कर समर्थन दिया।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Sun, 14 Jul 2019 06:48 PM (IST)Updated: Mon, 15 Jul 2019 10:04 AM (IST)
लाइब्रेरी और शिक्षकों के लिए पिथौरागढ़ कॉलेज के छात्रों का प्रदर्शन जारी, 28 दिन हुए पूरे NAINITAL NEWS
लाइब्रेरी और शिक्षकों के लिए पिथौरागढ़ कॉलेज के छात्रों का प्रदर्शन जारी, 28 दिन हुए पूरे NAINITAL NEWS

पिथौरागढ़, जेएनएन : लाइब्रेरी और शिक्षकों को लेकर पिथौरागढ़ महाविद्यालय के छात्रों का 28वें दिन भी धरना प्रदर्शन जारी रहा। रविवार को छात्रों ने महाविद्यालय प्रशासन द्वारा परिसर में धरना नहीं देने की धमकी को दरकिनार कर मांग पूरी नहीं होने तक आंदोलन जारी रखने का एलान किया है। रविवार को एनसीसी कैडेट्स ने धरनास्थल पर पहुंच कर आंदोलन को समर्थन दिया।

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रविवार को छात्र-छात्राओं ने पुस्तकों और प्राध्यापकों की कमी दूर किए जाने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर धरना दिया। इस दौरान एनसीसी कैडेट्स ने धरना स्थल पर पहुंच कर समर्थन दिया। शनिवार को महाविद्यालय प्रशासन से हुई वार्ता में धरना परिसर से बाहर करने के प्राचार्य के आदेश को लेकर छात्रों में आक्रोश बना रहा। छात्र संघ अध्यक्ष राकेश जोशी ने कहा कि उनका आंदोलन मुकाम हासिल करने के कगार पर है। आंदोलन राजनीति प्रेरित नहीं है। इस मुकाम पर धरना समाप्त करना अब तक प्राप्त सफलता को विफल करना होगा।

धरना स्थल पर छात्र संघ अध्यक्ष ने कहा कि सात हजार की छात्र संख्या वाले महाविद्यालय में प्राध्यापकों के 120 पद सृजित हैं। वर्तमान में मात्र 63 प्राध्यापक पूर्णकालिक हैं। 21 पद रिक्त हैं।  छात्र संख्या के आधार पर सृजित पदों की संख्या काफी कम है। यूजीसी के मानकों के हिसाब से स्नातक स्तर पर 25 छात्रों पर एक और स्नातकोत्त्तर स्तर पर 15 विद्यार्थियों पर एक शिक्षक की तैनाती आदर्श मानी गई है। उन्होंने बताया कि पुस्तकालय में आधिकारिक रू प से पुस्तकों की संख्या 1,11,308 है जिसमें केवल 15 हजार पुस्तकें ही उपयोगी हैं। जिसके चलते साल में एक छात्र को मात्र दो पुस्तकें ही मिल पाती हैं। शेष पुस्तकों में दशकों पुरानी, फटी और उपयोग में नहीं लाए जाने वाली पुस्तकें हैं। जिसे देखते हुए प्रतिवर्ष पुस्तकालय के लिए एक सालाना बजट की व्यवस्था होनी चाहिए। उन्होंने आवश्यक पुस्तकों की व्यवस्था के साथ एक वार्षिक बजट की व्यवस्था की जाए। उन्होंने कहा कि पुस्तकों के लिए छात्र जनप्रतिनिधियों , नागरिकों और प्रवासी उत्तराखंडवासियों से मदद के लिए लगातार संपर्क कर रहे हैं।

आंदोलन का 28वां दिन

रविवार को 28वें दिन धरने पर छात्र संघ अध्यक्ष राकेश जोशी, नूतन, अंशिका, सोनल, मनीष कसनियाल, रोहित, धीरज, विनोद भट्ट, आशीष, मयंक, हिमांशु व दीपक आदि बैठे। छात्रों ने अपना धरना महाविद्यालय परिसर में ही चलाने को एलान किया।


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