हत्यारोपित कैदी की रिमांड के लिए जिलाधिकारी से मांगी अनुमति nainital news
उपकारागार में कैदी की हत्या के मामले में पुलिस ने जांच शुरू करते हुए जिलाधिकारी से आरोपित की रिमांड की अनुमति मांगी है।
हल्द्वानी, जेएनएन : उपकारागार में कैदी की हत्या के मामले में पुलिस ने जांच शुरू करते हुए जिलाधिकारी से आरोपित की रिमांड की अनुमति मांगी है। जिलाधिकारी की अनुमति मिलने पर जांच अधिकारी बैरक नंबर एक के कैदियों के बयान लेने के लिए जेल पहुंचेंगे।
रविवार की रात टीवी देखने के दौरान बैरक नंबर एक में बंद शानू निवासी बाजपुर व आलोक नेगी निवासी दमुवाढूंगा हल्द्वानी के बीच विवाद हो गया था। आलोक ने लेटे हुए शानू के सीने व पीट पर मुक्कों के कई प्रहार कर दिए। इससे गंभीर रूप से जख्मी शानू को जेल प्रशासन पहले एसटीएच और फिर बेस अस्पताल लेकर गया। जहां चिकित्सकाें ने शानू को मृत घोषित कर दिया। रात में ही जेलर संजीव ह्यांकी की ओर से आरोपित आलोक नेगी के विरुद्ध हत्या का मुकदमा पंजीकृत कराया गया। वहीं जेल में बंद कैदी की रिमांड लेने के लिए जिलाधिकारी की अनुमति जरूरी होती है। शानू हत्याकांड के जांच अधिकारी निरीक्षक योगेश उपध्याय ने आरोपित आलोक की रिमांड लेने के लिए जिलाधिकारी के पास आवेदन कर दिया है। जांच अधिकारी ने बताया कि जिलाधिकारी की अनुमति मिलने पर आलोक की रिमांड लेने के साथ ही बैरक में बंद अन्य कैदियों के बयान दर्ज किए जाएंगे।
रात में बैरक खोलने में लगता है 10 मिनट का समय
जेल में रात में बैरक में अगर कोई विवाद या घटना हो जाए और दरवाजे खोलने में करीब 10 मिनट का समय लग जाता है। सूत्रों के मुताबिक दिन के समय में बैरक में कैदियों के बंद रहने के दौरान चाबी सुरक्षा डयूटी में तैनात जेल कर्मियों के पास होती है। वहीं रात में बैरक की चाबी जेल की की-चेस्ट में रखी जाती है और इस चेस्ट की चाबी जेलर के पास रहती है। अगर रात में कोई हादसा या घटना हो जाए तो जेल कर्मियों को जेलर को बुलावाकर चेस्ट खुलवानी पड़ती है। इसके बाद चेस्ट से चाबी निकालकर बैरक कर ताला खोला जाता है। इस प्रक्रिया में करीब 10 मिनट का समय लग जाता है।
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