पुलिस ने किया नजरअंदाज तो लोगों ने खुद सीसीटीवी लगाकर नशेडि़यों व सट्टेबाजों पर रखी नजर
नशे के सौदागर व सट्टेबाजों का गढ़ कहा जाने वाला राजपुरा इलाका अब धीरे-धीरे बदल रहा है। वहां के लोगों ने खुद सीसीटीवी लगाकर उन पर निगाह रखनी शुरू कर दी।
हल्द्वानी, जेएनएन : नशे के सौदागर व सट्टेबाजों का गढ़ कहा जाने वाला राजपुरा इलाका अब धीरे-धीरे बदल रहा है। जागरूक लोगों की शिकायतों को जब पुलिस ने नजरअंदाज किया तो उन्होंने खुद सीसीटीवी कैमरे लगाकर नशेडिय़ों व तस्करों पर निगाह रखनी शुरू कर दी। घर-घर जाकर लोग अब नशे व सट्टे के खिलाफ लडऩे की अपील कर रहे हैं। ताकि आने वाली नस्लों को बर्बाद होने से रोका जा सके।
राजपुरा क्षेत्र का आधे से ज्यादा हिस्सा मलिन बस्ती है। यहां नशे के सौदागरों का वर्चस्व काफी पहले से है। शराब, चरस के बाद अब स्मैक तस्करों की वजह से युवा भविष्य अंधेरे में जा रहा है। पुलिस ने कई बार कार्रवाई भी की। इसके बावजूद नशे का धंधा थमा नहीं। स्थानीय लोगों के मुताबिक नशेडिय़ों व तस्करों के आतंक की वजह से बच्चों, महिलाओं व स्कूल जाने वाली छात्राओं को सबसे ज्यादा परेशानी होती थी। वार्ड की तंग गलियों में तस्करों के गुर्गे दिन के उजाले में भी नशा बेचने से डरते नहीं थे। शिकायत के बावजूद जब नहीं सुनी गई तो लोगों ने आपसी चंदा जुटाकर आठ कैमरे लगा लिए। इन कैमरों को उन गलियों में फिक्स किया गया है, जहां से सबसे ज्यादा शिकायतें आती थी।
इन्होंने दिया चंदा
राजपुरा इलाके में अधिकांश लोग मध्यम या गरीब परिवार से ताल्लुक रखते हैं। सीसीटीवी खरीदने के लिए पार्षद मुन्नी कश्यप, गीता देवी, गुडिय़ा देवी, फुरकान अली, गुफरान अली, चंदा कश्यप, सूरज, भूपेंद्र और शीतल ने दो-दो हजार चंदा दिया।
धंधेबाजों को बड़े लोगों का सरंक्षण
स्थानीय युवा धु्रव कश्यप ने बताया कि पिछले कई दिनों से नशे के खिलाफ लोगों को जागरूक किया जा रहा है। रैली भी निकाली गई। कहा कि पुलिस के अलावा कुछ सफेदपोश इन तस्करों को संरक्षण देते हैं। जिस वजह से छुटमुट को छोड़ कभी बड़ी कार्रवाई नहीं हुई।
सीसीटीवी से पैदा हुआ डर
घरों की दीवारों व खंभों पर लगाए गए सीसीटीवी कैमरों की वजह से तस्करों में कुछ डर भी पैदा हुआ है। संदिग्धों को देखते ही मोहल्ले के लोग जुट जा रहे हैं। लोगों की मांग है कि एक बार पुलिस मोटे धंधबाजों के खिलाफ एक्शन ले, ताकि इलाका नशे से मुक्त हो सके।
पीलीकोठी के लोगों ने भी खुद संभाली थी कमान
पीलीकोठी वार्ड नंबर 51 के लोग भी स्मैकियों के आतंक से काफी परेशान थे। जिसके बाद पार्षद मुकेश बिष्ट के नेतृत्व में लोगों ने सुबह से ही स्मैक बेचने वाले और उपलब्ध कराने वालों की तलाश करनी शुरू कर दी। जिससे वहां काफी हद तक स्थिति सुधरी है।