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जरूररमंदों का पेट भरने के लिए कनाडा-ऑस्ट्रेलिया से भी लोगों ने की मदद

हल्द्वानी में ऐसे कई नाम है जो परेशानी के वक्त दूसरों के लिए उम्मीद बनकर आए। इन अंजान चेहरों ने किसी जरूरतमंद अजनबी को भूखा नहीं सोने दिया। पहले लॉकडाउन और अब कोविड कफ्र्यू की वजह से किसी की नौकरी छूटी तो किसी का काम बंद हुआ।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Tue, 08 Jun 2021 08:38 AM (IST)Updated: Tue, 08 Jun 2021 08:38 AM (IST)
जरूररमंदों का पेट भरने के लिए कनाडा-ऑस्ट्रेलिया से भी लोगों ने की मदद
जरूररमंदों का पेट भरने के लिए कनाडा-ऑस्ट्रेलिया से भी लोगों ने की मदद

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : हल्द्वानी में ऐसे कई नाम है जो परेशानी के वक्त दूसरों के लिए उम्मीद बनकर आए। इन अंजान चेहरों ने किसी जरूरतमंद अजनबी को भूखा नहीं सोने दिया। पहले लॉकडाउन और अब कोविड कफ्र्यू की वजह से किसी की नौकरी छूटी तो किसी का काम बंद हुआ। मगर सामाजिक संगठन और जुनूनी युवाओं ने इंसानियत का फर्ज निभा तकलीफ को दूर कर दिया। वहीं, हल्द्वानी निवासी आशीष ने जब किसी का पेट भरने का फैसला लिया तो कनाडा व आस्ट्रेलिया में रहने वाले दोस्त भी मदद को आगे आ गए। हल्द्वानी में थाल सेवा, वंदे मातरम गुप्र के अलावा सामाजिक व राजनैतिक संगठन भी इस राशन व अन्य तरीकों से संकट के वक्त लोगों की मदद में जुटे हैं। सात जून को विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस मनाया जाता है। लिहाजा, इन चेहरो को भी जानिए जो किसी गरीब के भोजन की व्यवस्था में जुटे हैं।

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जरूरतमंदों के मददगार

  • कुसुमखेड़ा निवासी आशीष मैकग्रेगर ने पिछले लॉकडाउन में लोगों की खूब मदद की। इस बार संकट के वक्त प्लाज्मा, बेड और ऑक्सीजन दिलवाने के लिए दिन-भर दौड़ते रहे। वहीं, अब जरूरतमंदों को राशन मुहैया करवा रहे हैं। हल्द्वानी से लेकर आसपास के पहाड़ी इलाकों में भी वह पहुंचते हैं।
  • चर्च कंपाउंड निवासी सचिन भान प्रोपर्टी का कारोबार करते हैं। सचिन टीम कोविड एड के सक्रिय सदस्य है। यह वाट्सएप गुप्र कोरोना काल में लोगों की मदद करता है। कोविड कफ्र्यू की वजह से लोगों का काम-धंधा बंद हुआ तो सचिन साथियों संग जरूरतमंदों को राशन किट मुहैया करने में जुटे हैं।
  • देवलचौड़ निवासी पूर्व छात्र महांसघ पदाधिकारी विशाल नेगी ने अपने मित्र मनोज भट्ट संग पहले एक माह तक गरीब परिवारों को भोजन उपलब्ध कराया। वहीं, अब राशन किट मुहैया करवा रहे हैं। सिर्फ जरूरतमंदों की मदद की जाती है। अभियान शुरू होने पर दोस्त व रिश्तेदार भी मदद को आगे आए हैं।
  • रवि रोटी बैंक पिछले तीन साल से भीड़भाड़ वाले इलाकों में लोगों के लिए खाने की व्यवस्था कर रहा है। राजपुरा निवासी विपिन गुप्ता नियमित तौर पर जरूरतमंदों की मदद को अपना योगदान देते हैं। कोविड कफ्र्यू में रोटी बैंक की जिम्मेदारी और बढ़ गई। इसलिए विपिन ने भी सहयोग में भूमिका और बढ़ाया।

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