बाहर से बिना पंजीकरण आ रहे लोग, नैनीताल में कट रहा चालान
उधमसिंह नगर जिले में उत्तर प्रदेश की सीमा पर स्थापित चौकी व थानों की जवाबदेही तय कर दी गई कि आने वालों का पंजीकरण के साथ ही आरटीपीसीआर टेस्ट निगेटिव रिपोर्ट चेक की जाय तभी आने की अनुमति होगी मगर इसमें महज खानापूर्ति हो रही है।
जागरण संवाददाता, नैनीताल। कोविड गाइडलाइन के प्रभावी होने के बाद शासन ने उत्तराखंड की सीमा में प्रवेश के लिए देहरादून सिटी पोर्टल में पंजीकरण अनिवार्य कर दिया था। जिसके बाद थाना चौकी पुलिस को एलर्ट कर दिया गया। उधमसिंह नगर जिले में उत्तर प्रदेश की सीमा पर स्थापित चौकी व थानों की जवाबदेही तय कर दी गई कि आने वालों का पंजीकरण के साथ ही आरटीपीसीआर टेस्ट निगेटिव रिपोर्ट चेक की जाय, तभी आने की अनुमति होगी, मगर इसमें महज खानापूर्ति हो रही है।
नैनीताल में रोजाना करीब एक दर्जन से अधिक लक्जरी वाहन पहुंच रहे हैं, जिनमें आने वालों के पास ना तो आरटीपीसीआर टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव होती है, ना ही उनका पंजीकरण सिटी पोर्टल में। जिसके बाद पुलिस उनका पुलिस एक्ट में चालान कर रही है। नैनीताल पुलिस के अधिकारी हैरान हैं कि उधमसिंह नगर, लालकुआं, हल्द्वानी, ज्योलीकोट पुलिस की आंखों में धूल झोंककर कैसे ये लोग नैनीताल पहुंच रहे हैं। सूत्रों के अनुसार पुलिस की दरियादिली, अफसरों तक लोगों के सम्पर्क के साथ भ्रष्टाचार भी इसकी वजह है। बुधवार को रुद्रपुर में एक कॉलेज में अध्ययन करने वाले हरियाणा मूल के आधा दर्जन युवक पहुंच गए तो गुरुवार सुबह लक्जरी गाड़ी में उत्तर प्रदेश के छह लोग पहुंच गए। जबकि कोविड गाइडलाइन में साफ उल्लेख है कि वाहनों में सिर्फ 50 फीसद सवारी ही बैठेंगी। जिला मुख्यालय की पुलिस की इस मामले में बरती जा रही सख्ती की लोग सराहना कर रहे हैं।
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