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हाईवे पर पैदल आवाजाही करने वालों की उमड़ी भीड़, खतरनाक रास्‍तों पर घरों से निकले लोग

नैनीताल जिले के गरमपानी-खैरना क्षेत्र में जल प्रलय के बाद हालात जस के तस हैं। लोग परेशान हैं। अल्मोड़ा-हल्द्वानी हाईवे पर आवाजाही करने वालों का तांता लगा हुआ है। दोपांखी क्षेत्र में लोग जान जोखिम में डाल अस्थाई मार्ग से पैदल आवाजाही कर रहे हैं।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Sun, 24 Oct 2021 04:53 PM (IST)Updated: Sun, 24 Oct 2021 04:53 PM (IST)
हाईवे पर पैदल आवाजाही करने वालों की उमड़ी भीड़, खतरनाक रास्‍तों पर घरों से निकले लोग
हाईवे पर पैदल आवाजाही करने वालों की उमड़ी भीड़, खतरनाक रास्‍तों पर घरों से निकले लोग

संवाद सहयोगी, गरमपानी : नैनीताल जिले के गरमपानी-खैरना क्षेत्र में जल प्रलय के बाद हालात जस के तस हैं। लोग परेशान हैं। अल्मोड़ा-हल्द्वानी हाईवे पर आवाजाही करने वालों का तांता लगा हुआ है। दोपांखी क्षेत्र में लोग जान जोखिम में डाल अस्थाई मार्ग से पैदल आवाजाही कर रहे हैं। वहीं शाम को अल्मोड़ा-छड़ा-गरमपानी मार्ग छोटे वाहनों के लिए खोल दिया गया है। बता दें कि आपदा के बाद अल्मोड़ा-हल्द्वानी हाईवे समेत कई संपर्क मार्ग क्षतिग्रस्‍त हो गए हैं। जिसके बाद से लोग घरों में कैद होकर रह गए हैं।

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रविवार को केंद्रीय मंत्री अजय भट्ट के दौरे से पहले एनएच प्रशासन ने हाईवे को खोलने की जद्दोजहद शुरू की। दोपांखी क्षेत्र में हाईवे का करीब पांच सौ मीटर हिस्सा बह जाने के बाद थुआ की पहाड़ी को काट आवाजाही के लिए अस्थाई रास्ता तैयार किया गया है। लोग पैदल ही इसी खतरे वाले स्थान पर जान जोखिम में डाल आवाजाही कर दूसरी ओर जा रहे हैं।

रविवार को आवाजाही करने वालों का तांता लगा रहा। पुलिस प्रशासन तथा एनएच ने अपनी निगरानी में लोगों को आवाजाही करवाई।उधर लोहाली क्षेत्र तथा भोर्या बैंड में भी हाईवे को खोलने के लिए युद्धस्तर पर कार्य तेज कर दिया गया है। एनएच विभाग के सहायक अभियंता केएस बोरा के अनुसार जल्द से जल्द हाईवे पर यातायात सुचारु करने के प्रयास किए जा रहे हैं।

पर्वतीय जनपदों में रसोई गैस का गहरा सकता है संकट

भीषण आपदा के बाद अल्मोड़ा हल्द्वानी हाईवे के बंद हो जाने से पर्वतीय क्षेत्रों को रसोई गैस वाहन ले जा रहे करीब दस से ज्यादा वाहन अल्मोड़ा हल्द्वानी हाईवे पर दो पांखी क्षेत्र में फंस गए करीब 2000 रसोई गैस सिलेंडर वाहनों में भरे पड़े हैं वही चालकों को भी भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। चालकों के अनुसार बाजार से राशन खरीदकर भोजन तैयार किया। जैसे तैसे रात दिन काट रहे हैं। सप्ताह भर बीत चुका है पर अभी वाहनों को निकलने के लिए रोड तैयार नही है। एक ही जगह पर रहना मजबूरी बन चुका है।


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