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कार्बेट नेशनल पार्क में अतिक्रमण समेत दो दर्जन मामलों में पीसीसीएफ की हाई कोर्ट में व्यक्तिगत पेशी

कार्बेट नेशनल पार्क में अतिक्रमण कर अंधाधुंध अवैध निर्माण का मामला अब वन विभाग के गले की फांस बन गया है। हाई कोर्ट ने इस मामले का स्वत संज्ञान लेते हुए केंद्र व राज्य सरकार के साथ ही पीसीसीएफ समेत पार्क अफसरों से जवाब तलब किया है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Sun, 07 Nov 2021 11:47 AM (IST)Updated: Sun, 07 Nov 2021 11:47 AM (IST)
कार्बेट नेशनल पार्क में अतिक्रमण समेत दो दर्जन मामलों में पीसीसीएफ की हाई कोर्ट में व्यक्तिगत पेशी
कार्बेट नेशनल पार्क में अतिक्रमण समेत दो दर्जन मामलों में पीसीसीएफ की हाई कोर्ट में व्यक्तिगत पेशी

किशोर जोशी, नैनीताल : कार्बेट नेशनल पार्क में अतिक्रमण कर अंधाधुंध अवैध निर्माण का मामला अब वन विभाग के गले की फांस बन गया है। हाई कोर्ट ने इस मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए केंद्र व राज्य सरकार के साथ ही पीसीसीएफ समेत पार्क अफसरों से जवाब तलब किया है। इस मामले में पीसीसीएफ को हलफनामा दाखिल करना है। साथ ही वन श्रमिकों को समान कार्य समान वेतन देने के आदेशों का अनुपालन नहीं करने व पेंशन प्रकरणों पर व्यक्तिगत रूप से पेश होना है। ऐसे करीब दो दर्जन मामले विचाराधीन हैं।

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कार्बेट नेशनल पार्क में अवैध तरीके से किए गए अवैध निर्माणों के मामले का हाई कोर्ट के स्वत: संज्ञान लेने के बाद वन महकमे में खलबली मची है। बता दें कि एनटीसीए की कमेटी ने दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश पर सीटीआर में अवैध निर्माणों की जांच की और पाया कि सीटीआर में मोरघट्टी व फारेस्ट रेस्ट हाउस परिसर के कई क्षेत्रों में अवैध निर्माण कार्य चल रहे हैं। इसमें होटल, भवन, पुल व सड़क शामिल है। कमेटी ने इन निर्माणों को वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन-1927 व इंडियन फॉरेस्ट एक्ट 1972, वन अधिनियम 1980 का उल्लंघन करार देते हुए चीफ वाइल्ड लाइफ को अवैध निर्माण हटाने के आदेश भी दिए थे, लेकिन अब तक मामले में कार्रवाई नहीं हुई।

हर साल दायर हो रहे करीब ढाई सौ मामले

वन महकमे में कर्मचारियों से संबंधित व अन्य प्रकृति के करीब ढाई सौ मामले हर साल हाई कोर्ट में आ रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, कई मामलों में अफसर बलि का बकरा बने हैं, जबकि कई में अफसरों ने ऊपरी शह मिलने से खेल कर दिया है। दोनों तरह की गड़बडिय़ों को ठीक करने में सरकार के अधिवक्ताओं के भी पसीने छूट गए हैं। समान कार्य समान वेतन से संबंधित हाई कोर्ट के आदेशों के खिलाफ सुपं्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दायर करने की भी तैयारी है।

पीसीसीएफ आज से नैनीताल दौरे पर

आधिकारिक कार्यक्रम के अनुसार, पीसीसीएफ भरतरी सात नवंबर रविवार को देहरादून से नैनीताल आकर मुख्य स्थायी अधिवक्ता चंद्रशेखर रावत के साथ विभिन्न वादों के संबंध में विचार विमर्श करेंगे। आठ को विभिन्न वादों के संबंध में हाई कोर्ट में पेश होंगे, जबकि नौ को नैनीताल वन प्रभाग के अंतर्गत विभिन्न कार्यों का निरीक्षण करेंगे। मुख्य वन संरक्षक कुमाऊं डा. तेजस्विनी अरविंद पाटिल ने पीसीसीएफ के दौरे की पुष्टि की है।


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